MP News: 25 दिसंबर 2024 को प्रदेश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मध्य प्रदेश को बड़ी सौगात मिलने वाली है. 22 साल के इंतजार के बाद प्रदेश के लिए अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा तैयार किए गए ‘मेगा प्लान’ की आधारशिला रखी जाएगी. PM नरेंद्र मोदी बुधवार को एमपी दौरे पर आ रहे हैं. वह खजुराहो में केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखेंगे. इसके जरिए प्रदेश के 44 लाख लोगों को पेयजल की सुविधा मिलेगी.
PM मोदी रखेंगे केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को मध्य प्रदेश दौरे पर आएंगे. वह खजुराहो में बुंदेलखंड क्षेत्र को बड़ी सौगात देंगे. यहां केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखेंगे, जिससे बुंदेलखंड की करीब 44 लाख आबादी को सीधे स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिलेगी.
साल 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने तैयार किया था प्लान
केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट ‘नदी जोड़ो परियोजना’ के तहत शुरू किया जा रहा है. यह परियोजना देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का भी सपना था. साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सिंचाई के संकट के देखते हुए 60 नदियों को जोड़ने के लिए ‘नदी जोड़ो परियोजना’ का प्लान बनाया था. तत्कालीन सरकार में इसके लिए एक समिति भी गठित हुई थी, जिसके प्रस्ताव पर सहमति भी बनी थी. हालांकि, काम शुरू नहीं हो पाया.
MP के 10 जिलों को मिलेगा लाभ
केन-बेतवा लिंक परियोजना से प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र और आसपास के 10 जिलों को लाभ मिलेगा. इनमें पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया जिले शामिल हैं.
केन-बेतवा लिंक परियोजना के लाभ
- पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई और 2.13 किलोमीटर लंबाई का बांध बनेगा
- 2 टनल (अपर लेवल 1.9 KM और लोअर लेवल 1.1 KM) का निर्माण होगा
- बांध में 2,853 मिलियन घन मीटर जल का भंडारण होगा
- केन नदी पर दौधन बांध से 221 KM लंबी लिंक नहर बनेगी
- केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में अंतरित किया जाएगा
- 2 हजार गांव में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी, जिससे 7 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे
- मध्य प्रदेश की 44 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिलेगी
- 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा
- परियोजना की लागत राशि 44 हजार 605 करोड़ है
- सिंचाई 8.11 लाख हेक्टेयर भूमि
- जल विद्युत उत्पादन 103 मेगावाट हो सकेगा
- सोलर विद्युत उत्पादन 27 मेगावॉट हो सकेगा
- परियोजना का समय 8 साल है
- 4 हजार तालाबों को लाभ
- नहर की लंबाई 221 किमी होगी
- सुरंग 2 किमी होगी
परियोजना का उद्देश्य
यह परियोजना उन क्षेत्रों में जल संकट को दूर करने का लक्ष्य रखती है, जहां जल की कमी प्रमुख समस्या बन चुकी है. इससे कृषि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा बढ़ाई जाएगी, जिससे किसानों को फसल उत्पादन में मदद मिलेगी. जल स्तर में सुधार और जल संचयन की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.