MP News: रीवा केंद्रीय जेल में हत्या के मामले में अजीवन कारावास की सजा काट रहे पांच कैदियों को गांधी जयंती के अवसर पर आज रिहाई मिली हैं, ये सभी कैदी 302 के अपराध में आजीवन करावास की सजा काट रहे थे. रिहा हुए तीन कैदी रीवा के एक कैदी उमरिया और एक कैदी अनूपपुर का रहने वाला है इन कैदियों में एक महिला कैदी भी शामिल है.
5 कैदियों को मिली रिहाई
गांधी जयंती भारत में एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है, जो महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि गांधीजी ने अहिंसा और सत्य के आदर्शों पर चलकर भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराया था. गांधी जयंती के दिन देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. गांधी जयंती के अवसर पर पांच कैदियों को रिहाई मिली है. अजीवन कारवास की सजा काट रहे ये कैदी जेल में प्रशिक्षण प्राप्त किया है जिससे वो अब अपना जीवन नए सिरे से शुरू कर सकते है.
जेल से रिहा हुए कैदी सरमन कोल ने बताया कि शराब पीने के दौरान ससुर से विवाद होने पर उनकी हत्या कर दी थीं जिसके बाद से वो जेल में सजा काट रहा हैं. घटना से नाराज परिवार के लोग कभी उससे मिलने जेल नही आए वही कैदी रामनिवास कोटवार ने कहा की एक विवाद में हत्या कर दी थीं जिसके बाद से जेल में बंद सजा काट रहा है. उसने कहा की अब हत्या का पश्चाताप है और लोग गुस्से में शांत रहे वरना पूरा जीवन जेल में काटना पड़ेगा.
जेल अधीक्षक एस के उपाध्याय ने बताया की पांच कैदियों को रिहा करने जेल मुख्यालय प्रस्ताव भेजा गया था. जहां से प्रस्ताव राज्य शासन के पास पहुंचा और प्रस्ताव पास होने के बाद कैदियों के रिहाई का फरमान जारी हुआ. जेल में सजा काटने के दौरान कैदियों ने उद्योग धंधे से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया है. जो इनके जीवन यापन का साधन बनेगा साथ ही कलेक्टर रीवा सहित अन्य अधिकारियो को पत्र लिख कर इन कैदियों को शासन की योजना का लाभ व पुनर्वास के लिए पत्राचार किया गया है.