MP News: विजयपुर उपचुनाव के परिणाम की घोषणा के बाद पहली बार रामनिवास रावत का पहला रिएक्शन सामने आया है. सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पोस्ट किया है. लगभग 350 शब्दों का पोस्ट लिखकर अपनी बात कही. राजनीति को लेकर लिखे इस लंबी सी पोस्ट में कई सारी बातें कही. पोस्ट में ये भी लिखा कि राजनीति साधन है, साध्य नहीं.
क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं
संधर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही।“40 साल की राजनीति में जो भी सम्मान, प्रेम और विश्वास आपने मुझ पर जताया है, वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। इस बार भी आपने 93,000 से ज़्यादा वोट देकर मुझ पर जो भरोसा दिखाया है, उसके… pic.twitter.com/r9E341eeqh
— Ramniwas Rawat (@rawat_ramniwas) November 24, 2024
रावत ने अपनी पोस्ट की शुरुआत मशहूर कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की पंक्तियों से की जो इस तरह हैं
क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं
संधर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही
राजनीति का मूल उद्देश्य सत्ता नहीं, सेवा है- रावत
रामनिवास रावत ने पोस्ट में लिखा कि 40 साल की राजनीति में जो भी सम्मान, प्रेम और विश्वास आपने मुझ पर जताया है. वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है. इस बार भी आपने 93 हजार से ज्यादा वोट देकर मुझ पर जो भरोसा दिखाया है, उसके लिए मैं हृदय की गहराइयों से आपका आभार व्यक्त करता हूं. यह समर्थन सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि आपकी भावनाओं और उम्मीदों का प्रतिबिंब है. हार-जीत मेरे लिए कभी मायने नहीं रखती क्योंकि मेरी राजनीति का मूल उद्देश्य सत्ता नहीं, सेवा है. मैं हमेशा से आपकी आवाज़ रहा हूं और आगे भी आपके अधिकारों, सम्मान और विकास की लड़ाई लड़ता रहूंगा.
‘राजनीति मेरे लिए साधन है, साध्य नहीं’
पोस्ट में आगे लिखा कि राजनीति मेरे लिए एक साधन है, साध्य नहीं. मेरा असली लक्ष्य आपके जीवन में खुशहाली और क्षेत्र की प्रगति है. चुनाव के नतीजे बदल सकते हैं लेकिन मेरी जनसेवा की प्रतिबद्धता अटल है. मैं आपका था, हूं और हमेशा आपका ही रहूंगा. यह यात्रा सिर्फ सत्ता के गलियारों तक सीमित नहीं है, बल्कि गांव-गांव, गली-गली में बसे हर उस व्यक्ति तक पहुंचने की है. जिसकी आँखों में सपने हैं और दिल में उम्मीदें.
हर हार एक सीख देती है और हर जीत एक नई जिम्मेदारी. आज भले ही परिणाम कुछ भी हो लेकिन मेरी लड़ाई आपके अधिकारों और क्षेत्र के विकास के लिए जारी रहेगी. राजनीति में मेरा उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि आपके दिलों में बसना है. मैं जानता हूं कि चुनौतियां बहुत हैं लेकिन आपकी उम्मीदें और आशीर्वाद मेरी सबसे बड़ी ताकत है.
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जनता की सेवा ही मेरा धर्म है- रामनिवास रावत
यह हार एक पड़ाव है, मंजिल नहीं. मेरे लिए सबसे बड़ी जीत उस दिन होगी जब हमारे क्षेत्र का हर गांव विकास की राह पर होगा. जब हर किसान खुशहाल होगा. जब हर युवा के हाथ में रोजगार होगा. मेरी राजनीति का मकसद यही है कि कोई भी व्यक्ति खुद को असहाय या अकेला महसूस ना करे. आपका विश्वास और मेरा संकल्प, मिलकर इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे.
जनता की सेवा ही मेरा धर्म है और इस पवित्र धर्म का पालन मैं जीवन की अंतिम सांस तक करता रहूंगा. मेरे कदम नहीं रुकेंगे, मेरी आवाज़ नहीं थमेगी, और मेरा संघर्ष तब तक जारी रहेगा. जब तक आपके सपने साकार नहीं होते. राजनीति में हार-जीत से ऊपर उठकर मैं हमेशा आपके साथ, आपके बीच और आपके लिए खड़ा रहूंगा. यह सिर्फ मेरा नहीं, हम सबका सफर है विकास और विश्वास का सफर.