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MP News: रवि परमार दे पाएंगे MSc नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा, नर्सिंग घोटाले का किया था खुलासा; हाईकोर्ट ने कहा- आरोप सिद्ध नहीं हुआ

Ravi Parmar will be able to give the entrance exam of MSc Nursing

NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार MSC नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा दे पाएंगे

MP News: नर्सिंग घोटाले को उजागर करने वाले एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार को आज उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है. उच्च न्यायालय की संजीव सचदेवा और विनय सराफ की डबल बेंच न्याय पीठ ने बुधवार को सुनवाई करते हुए रवि परमार को एमएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी है. परमार के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया गया.

न्यायाधीश संजीव सचदेवा ने कहा कि याचिकाकर्ता रवि परमार एक छात्र नेता है और उसके खिलाफ लगभग चार FIR दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा कथित रूप से उल्लंघन की गई धाराओं में से कोई भी नैतिक अधमता से संबंधित नहीं है. इसके अलावा, कार्रवाई केवल लंबित है और याचिकाकर्ता को अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है. इस तरह की शर्त मौलिक अधिकार के बिल्कुल विपरीत है.

मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा आयोजित एमएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में बैठने से रोक थी. नियमावली के अनुसार, जिन उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था. परमार के खिलाफ ये FIR नर्सिंग घोटाले का पर्दाफाश करने और छात्रहित के लिए किए गए आंदोलनों के कारण दर्ज की गई थीं.

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रवि परमार को परीक्षा देने से रोका गया- दिग्विजय सिंह

इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी उन्होंने ट्विटर पर सवाल उठाते हुए कहा था कि, “युवाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष करने पर रवि परमार को किस कानून या नियम में परीक्षा में बैठने से सरकार रोक रही है ?”

हाईकोर्ट का कर्मचारी चयन मंडल को निर्देश

उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) को निर्देश दिया कि वह परमार का फिजिकल फॉर्म स्वीकार करे , जिससे वे परीक्षा में शामिल हो सकें. यह अनुमति बिना किसी पूर्वाग्रह के दी गई है. अंतिम निर्णय अदालत द्वारा बाद में लिया जाएगा , मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर 2024 को होगी.

परमार के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने तर्क दिया कि सिर्फ एफआईआर के आधार पर परीक्षा में शामिल होने से रोकना न्याय अनुचित है और यहां आर्टिकल 29 के विरुद्ध हैं. हमारे संविधान के राइट टू एजुकेशन का स्पष्ट उल्लंघन हैं. अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए परमार को फिजिकल फॉर्म भरकर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी.

मुझ पर दर्ज सभी केस राजनीति से प्रेरित- रवि परमार

रवि परमार ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह जीत केवल मेरी नहीं, बल्कि उन सभी छात्रों की है जिनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है. शिक्षा का अधिकार सभी के लिए समान होना चाहिए मैं माननीय न्यायालय और मेरे अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय जी का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मेरे भविष्य की चिंता करते हुए मेरी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए सहयोग किया.

रवि परमार ने कहा कि “पुलिस द्वारा दर्ज झूठे प्रकरणों में मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में भी न्याय मिलेगा. मैं दोषमुक्त साबित होऊंगा भाजपा सरकार द्वारा मेरे खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं. जिनका कोई ठोस आधार नहीं है. यह कदम सिर्फ विपक्ष के छात्र नेताओं को डराने के लिए उठाया गया है.”

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