MP News: वायरल फीवर को सामान्य बुखार और एक सप्ताह में ठीक हो जाने की बात मानकर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता और अब यहीं वायरल फीवर बच्चों के लिए जानलेवा हो रहा है. बता दें कि मंगलवार को जीएमएच में शिशु रोग विभाग में एक ही दिन में पांच बच्चों की मौत की खबर से हड़कंप मचा रहा.
हालांकि इसकी पूर्णतः पुष्टि नहीं हुई और अस्पताल प्रबंधन ने एक मौत की बात सामने रखी. लेकिन इन दिनों ओपीडी के आंकड़े भयावह हैं. शिशु रोग विभाग में आने वाले बीमार बच्चों में 30 प्रतिशत मरीज वायरल फीवर के ही हैं. जिसमें 10 प्रतिशत मरीज गंभीर रूप से पहुंच रहे हैं और उनको भर्ती किया जा रहा है. यहां मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसी प्रकार के हालात जिला अस्पताल में निर्मित हैं, यहां भी ओपीडी में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं. बता दें कि इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक है.
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लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें
वहीं इस पूरे मामले पर चिकित्सकों का मानना है कि परिजन वायरल फीवर को सामान्य बुखार समझ कर इग्नोर कर रहे हैं. और मानते हैं कि एक सप्ताह में यह ठीक हो जाएगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. इन दिनों वायरल फीवर के ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है, इसलिए तत्काल बच्चों में वायरल फीवर के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से सलाह लें क्योंकि देरी होने पर मरीज का हालत बिगड़ रही है.
28 मरीज हुए है भर्ती
बता दें कि मंगलवार को जीएमएच के शिशु रोग विभाग में 230 बच्चे ओपीडी में पहुंचे, जिसमें से 26 मरीजों को भर्ती किया गया. वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों के बढ़ने का कारण मौसम में हो रहा बदलाव माना जा रहा है. उमस भरी गर्मी के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसी प्रकार से बच्चों के अलावा पुरुष और महिलाओं में भी वायरल फीवर का असर देखा जा रहा है. ओपीडी में इनकी संख्या भी लगातार बढ़ रही है. मंगलवार को एसजीएमएच की ओपीडी में 2826 मरीज पहुंचे.