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MP News: रीवा में एक अनजान बीमारी से पीड़ित है युवक, SDM कार्यालय में आमरण अनशन पर बैठा, सरकार से इलाज या इच्छा मृत्यु की मांग

There are nine people in the family, five of whom are suffering from muscular dystrophy.

परिवार में नौ लोग हैं इनमें से पांच मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित है.

MP News: रीवा में एक परिवार के पांच सदस्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं जिसमें तीन भाई एक बहन और पिता मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की अजीबोगरीब रोग से ग्रसित है. इस बीमारी के वजह से उनकी मांसपेशियां निरंतर सिकुड़ रही है और शरीर पूरी तरह से कंकाल बनता जा रहा है. उनके जन्म के 10 साल बाद से यह बीमारी शुरू हुई इस बीमारी का इलाज भारत में उपलब्ध नहीं है और काफी महंगा है, हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा पीड़ित परिवारों के इलाज का भरोसा जताया था.

2006 में दिखाई दिए थे बीमारी के लक्षण

इन बच्चों में बीमारी की शुरुआती लक्षण साल 2006 में दिखाई दिए थे. जिसके बाद बच्चों को उनके नाना दिल्ली एम्स लेकर गए एम्स के डॉक्टर ने रिसर्च पेपर तैयार कर अमेरिका भेजा रिपोर्ट मिलने के बाद जर्मनी और यूएई में इलाज मिलने की सलाह दी. उस समय कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने भी इस परिवार की दिल्ली में जांच कराई थी त्योथर के तात्कालिक विधायक के लेटर पर तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित परिवारों से बात की और जर्मनी में इलाज कराने और सरकार के द्वारा पूरा खर्च करने का भरोसा दिया था. तात्कालिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित मनीष यादव से फोन में बात भी की थी इसके बाद हर संभव मदद और इलाज का भरोसा दिलाया था.

बीमारी का इलाज बहुत महंगा है

पीड़ित परिवार त्योंथर जनपद के उसरगांव का रहने वाला है इस परिवार में नौ लोग हैं इनमें से पांच मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित है. स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से इस बीमारी का इलाज कुछ हद तक संभव है. पर इसका खर्चा भी बहुत महंगा है ₹1 लाख का इंजेक्शन मिलता है वैसे 20 इंजेक्शन मरीज को लगाए जाते हैं. जांच और दूसरे चार्जर्स का भी खर्चा अलग से होता है एक पीड़ित के इलाज में करीब 30 लाख रुपए तक का खर्च का अनुमान लगाया जाता है.
लेकिन इलाज न मिलने से मनीष यादव अब आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. आमरण अनशन पर बैठे त्योहार कोड पर अनशन पर बैठे थे उधर एसडीएम कोर्ट के सामने फंक्शन पर बैठे मनीष यादव ने कहा कि उनको अब नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से उम्मीद है कि उनकी मदद जरूर करेंगे. जब तक आश्वासन नहीं मिल जाता तो वह ऐसे ही अनशन पर बैठे रहेंगे. क्योंकि अगर सरकार उनका इलाज नहीं करवा सकती तो वह ऐसी जिंदगी नहीं जीना चाहते वह इच्छा मृत्यु चाहते है.

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जीतू पटवारी ने की पीड़ित से बात

मनीष यादव के इस बीमारी को लेकर दिए गए आमरण अनशन के बाद अब राजनीति भी शुरू हो गई है. राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने अपने एक एक्स अकाउंट में पोस्ट किया तो वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मनीष यादव से फोन पर बात की साथ ही और आश्वासन दिया है. इलाज का साथ ही सरकार के वादा खिलाफी की भी बात की तो वही इस मामले पर रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है. उपमुख्यमंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री तक यह बात पहुंचाई जाएगी और जो हर संभव मदद और इलाज की जरूरत होगी वह किया जाएगा.

क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफ

पीड़ित व्यक्ति का रीवा में इलाज करने वाली डॉक्टर ज्योति सिंह बताती है कि यह एक ऐसी बीमारी है. जिसमें इंसान कमजोर होने लगता है मसल्स सिकुड़ने लगती है और बाद में यह टूटने लगते हैं. चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक तरह का अनुवांशिक रोग है रोगी में लगातार कमजोरी के लक्षण होते हैं और उसकी मांसपेशियों का विकास थम जाता है. यह गंभीर बीमारी सबसे पहले कूल्हे के आसपास मांसपेशियों और पैर की पिंडलियों को कमजोर करता है. उम्र बढ़ते ही यह कमर और बाजू कि मांसपेशियों को प्रभावित करना शुरु कर देती है.

डॉक्टर बताती हैं कि कुछ बातों का ध्यान रखें इस अनजान बीमारी से जीता जा सकता है क्योंकि यह बीमारी ज्यादातर मां के जीन से आती है मतलब की मां के परिवार मामा नानी या नानी के किसी घर वाले को यह बीमारी अगर रही हो तो बीमारी पहुंच जाती है

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