MP News: मानसून की आहट से क्षेत्र के किसानों ने धान की बुवाई के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. इन दिनों बीज विक्रेताओं की दुकानों पर किसानों की भीड़ धान का बीज खरीदते हुए देखी जा रही है. किसानों को इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद नजर आ रही है. जिसके चलते सभी किसान दुकानों से अलग-अलग वैरायटी की धान खरीद रहे हैं. इसी कारण एक बार फिर खाद बीज की दुकानों में रौनक वापस आ गई है. दुकानों में अलग अलग वैरायटी की धान उपलब्ध है, जिसमें हाइब्रिड, रिसर्च व प्रमाणित किस्म का धान दुकानदारों द्वारा किसानों को बेची जा रही है. बताये गये आंकड़े के अनुसार इस वर्ष अच्छी बारिश की उम्मीद है.
पिछले दो वर्षों की बात करें तो जिले में अच्छी बारिश नहीं हो पाई थी. जिस कारण किसान फसल बोनी के बाद चिंतित थे, वहीं फसलों की उत्पादन में भी गिरावट आई थी. अब मौसम के रुख को देखते हुए किसान धान की खेती करने के लिए सक्रिय हो गए हैं. वहीं किसानों द्वारा कहा जा रहा है कि मानसून के पहले सत्र से ही धान की नर्सरी तैयार कर रोपाई की तैयारी में जुट जाएंगे. जितनी जल्दी बोवनी होगी,उतनी ही अच्छी फसल देखने को मिलेगी.
दुकानों में इस वर्ष धान को लेकर किसानों में एक अलग ही रुझान देखने को मिला, जहां किसानों द्वारा खाने के लिए अलग और बेचने के लिए अलग धान की वैरायटी खरीदी जा रही है. बताया गया कि किसानों द्वारा खाने के लिए छोटी धान का चयन किया जा रहा है. वहीं बेचने के उद्देश्य से मोटी धान ली जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार किसानों को मोटी धान लेना इसलिए पसंद है कि वह समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री करते हैं. छोटी व पतली धानों की अपेक्षा मोटी धानों में मुनाफा ज्यादा मिलता है और धान में लगने वाले रोग भी कम लगते हैं.
बाजारों में उपलब्ध है विभिन्न किस्म के बीज दुकानों में अलग-अलग
वैरायटी की हाइब्रिड, रिसर्च धान उपलब्ध हैं. किसानों द्वारा ज्यादातर छोटी धानों में रिसर्च वैरायटी की बोनी की जा रही है. बताया गया कि इन धानों की उपज हाईब्रिड की तुलना में कम होती है. वहीं इन धानों को पकने के लिए 120 से 130 दिन लगते है. मिली जानकारी के मुताबिक रिसर्च धानों में शानदार, जोरदार, दामनीगोल्ड, श्रीराम, चीकू, चिंटू व सोनम है. ये धान मार्केट में 90 से 200 रूपए प्रति किलो बिक रही है. किसानों द्वारा ज्यादातर खाने के लिए जाने वाली धान में सोनम, जोरदार, दामिनी, चिंटू, वरदान, पीवी 1, पीवी 1847, बासमती ब्रांड में 1509, 1121, आदि कई धान हैं. जो 115 से 120 दिन पकने का समय होता है. यह धान 110 से 300 रुपए तक बिक रही है.
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मोटी किस्म की हाइब्रिड धानों की ओर किसानों का ज्यादा रुझान
दो-तीन वर्षों से किसानों द्वारा मोटी धानों को ज्यादा पसंद किया जा रहा है. बताया गया कि मोटी धानों का उत्पादन अच्छा है और इन धान पर रोग भी कम लगता है. किसानों द्वारा इस धान को ज्यादा इसलिए लिया जा रहा है कि इसका उत्पादन अच्छा है. जिससे किसानों को मोटी धान से ज्यादा लाभ मिलता है. किसानों द्वारा मोटी धानों का उत्पादन सिर्फ और सिर्फ बेचने के उद्देश्य किया जा रहा है. जब से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होने लगी तब से किसानों द्वारा अलग-अलग वैरायटी की उत्पादन वाली धान लगा कर किसान अच्छा लाभ कमा रहे हैं. बताया गया कि हाईब्रिड धानों की समय अवधि 115 से 120 दिन होती है, इनके रेट की बात करें तो बाजारों में 250 से 400 रूपए प्रति किलो है. वहीं इनकी उपज की बात करें तो 70 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन है. किसानों द्वारा ज्यादातर खरीदी जाने वाली धान में पान सीड प्र.लि. कोलकाता की पान 2423, 2450, 2430 है. श्री राम प्र.लि. हैदराबाद की 4750, फटाफट, मालि सीड्स कंपनी कलकत्ता की हीरो 2, श्री कृष्णा 5505, बायरबोल्ड, बीएसआर 2233, टाटा एमसी 13, कावेरी 468, एडवांटा, माइको की मोटा व क्रिस्टल 846 आदि धानें हैं.
पिछले एक सप्ताह से मानसून का इंतजार
मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष 15 जून तक मानसून आने की संभावना बताई गई थी. अर्थात जिले में पिछले एक सप्ताह से किसान मानसून का इंतजार कर रहे हैं, जो अब अगले 48 घंटे में जिले में दाखिल हो सकता है. बहरहाल, इसके पहले प्री- मानसून वर्षा अभी तीन-चार दिन से हो रही है, जिससे खेतों में जुताई का काम शुरू हो गया है.