Rewa News: मंदिरों, बड़े चौराहों तथा अन्य भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों में कई बार बच्चों की आवाजें सुनाई देती हैं कि पांच रूपया दे दीजिए, पेन खरीद लीजिए, मैं बहुत भूखा हूं. इन आवाजों का हम अक्सर सामना करते हैं. बच्चों की दीन-हीन दशा देखकर अधिकांश लोग इन्हें रुपए देकर मदद करने का धर्म निभाते हैं. लेकिन बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना सामाजिक ही नहीं वैधानिक रूप से भी अपराध है. भिक्षावृत्ति कराने पर सजा का प्रावधान है. बच्चों की भिक्षावृत्ति की समस्या को दूर करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.
रीवा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई. बैठक में बच्चों की भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने तथा बेसहारा बच्चों के पुनर्वास के संबंध में कई निर्णय लिए गए. बैठक मे संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता, उपायुक्त नगर निगम रुपाली द्विवेदी, थाना प्रभारी हितेन शर्मा, परियोजना अधिकारी जीवेन सिंह तथा अन्य संबंधित अधिकान उपस्थित रहे.
बच्चों की भिक्षावृत्ति सामाजिक समस्या : प्रतिभा पाल(कलेक्टर, रीवा)
बैठक में कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि बच्चों की भिक्षावृत्ति सामाजिक समस्या है. इसका समाधान भी वैधानिक उपायों के साथ-साथ सामाजिक सुधार के प्रयासों से ही होगा. हम सभी किसी को भी दीन-हीन देखकर उसकी सहायता करने का प्रयास करते हैं. इस मनोवृत्ति का फायदा उठाने के लिए कई बार बच्चों से भिक्षावृत्ति कराई जाती है. कई बार हम बच्चों की मदद करते हुए उन्हें ऐसी दुनिया में पहुंचाने में मददगार बन जाते हैं जहाँ नशा और अपराध का बोलबाला होता है. यदि कोई बच्चा बेसहारा है तो उसके पुनर्वास के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा योजनाएं लागू हैं. बाल संरक्षण गृह तथा वन स्टॉप सेंटर में इन्हें पुनर्वास का अवसर दिया जाता है.
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कलेक्टर ने अभियान के दौरान रेस्क्यू किए गए बच्चों की शिक्षा, बच्चों को स्पांसरशिप योजना से भी के उद्देश्यों एवं तैयारियों की जानकारी दी. अभियान आगामी 9 जून तक चलाया जाएगा. हम जब किसी बच्चे की सहायता का प्रयास करें तो उसे रुपए देने के स्थान पर उसके पुनर्वास के लिए प्रयास करें.
बेसहारा बच्चों की होगी तलाश
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग तथा नगर निग की संयुक्त टीम बेसहारा बच्चों एवं भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों के रेस्क्यू और पुनर्वास के प्रयास करें. इस अभियान में बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को भी शामिल करें. धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थलों तथा शहर के आसपास के डेरों में बेसहारा बच्चों की तलाश करें. इस अभियान में कई गुमशुदा बच्चे भी उनके परिवारों तक पहुंचाए जा सकते हैं. यदि कोई व्यक्ति बच्चों से भिक्षावृत्ति करवा रहा है तो उसके विरूद्ध समुचित वैधानिक कार्यवाही करें.