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MP News: रीवा वन विभाग की अनूठी पहल, कचरे का कर दिया सही उपयोग, प्रदेश भर में पेश की मिशाल

Pro Planet jackets were purchased by selling waste of 5 lakh plastic poly bags.

5 लाख प्लास्टिक पॉली बैग का कचरा बेचकर प्रो प्लैनेट जैकेट खरीदे गए.

MP News: रीवा वन विभाग ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अभिनव पहल की है. जिसकी चर्चा जोरो से है. दरअसल रीवा में वृक्षारोपण के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने 5 लाख से अधिक पौधा लगाने का लक्ष्य रखा था. पौधारोपण तो हो गए लेकिन इस दौरान एकत्र हुए प्लास्टिक के कचरा का भी सही सदुपयोग हो गया है.

कचरे को बेच कर खरीदी गई प्रो प्लेनेट जैकेट

यह पहली बार हुआ जब ऐसे कचरे का प्रभावी उपयोग किया गया है. जंगल से एकत्रित किए गए प्लास्टिक कचरे को विभाग ने रीसायकल किया और उसके बदले में प्रो प्लेनेट जैकेट खरीदी गई जिन्हें वन कर्मियों को प्रदान कर दिया गया. दरअसल जुलाई और अगस्त के महीने में वन विभाग ने वन क्षेत्र में लगभग 5 लाख प्लास्टिक पॉलीबैग का कचरा उत्पन्न हुआ पहले इस कचरे को जलाया जाता था या फिर गड्ढे में दबाया जाता था और कई बार नदियों में बहा दिया जाता था.

लेकिन इस बार रीवा जिले के डीएफओ अनुपम शर्मा ने एक अनूठी पहल शुरू की जिसमें एकत्रित कचरे को पुनः उपयोगी बनाने के लिए कचरे को संग्रहित करने के बाद इसे साफ किया गया. पत्थर कंकड़ मिट्टी को अलग किया गया और लगभग 5930 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे में से शुद्ध प्लास्टिक का वजन 4371 किलोग्राम था. इस कचरे को स्क्रैप डीलर को ₹12 प्रति किलो की दर से बेचा गया जिसमें कुल 52 हजार 452 रुपए प्राप्त हुए.

इस राशि से वन विभाग में विशेष प्रकार की इको फ्रेंडली जैकेट खरीदी जो बेकार प्लास्टिक की बोतलों और कपड़ों के टुकड़ों को रिसाइकल कर बनाई गई है. इन जैकेट को मिशन लाइफ अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले 84 वनकर्मियों को वितरित किया गया.

ज्यादा से ज्यादा कचरे को रिसाइकल करने की कोशिश- अनुपम शर्मा, मुख्य वन अधिकारी

रीवा जिले के मुख्य वन अधिकारी अनुपम शर्मा ने बताया कि उनको यह विचार काफी पहले आया था. इसके बाद उन्होंने शुरुआत की साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पर्यावरण प्रदूषण होता है. वृक्षारोपण के बाद हम उस बैग को फेंक देते हैं जो पर्यावरण को दूषित कर देता है तो एक तरफ हम पौधा लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित करने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ इन बैग को फेंक कर पर्यावरण को दूषित करते है. इससे बचने के लिए एक यही तरीका है की इन पॉलिथीन बैग का रीसाइकल कर फिर से उपयोग किया जा सके.

दरअसल, ऐसे प्लास्टिक को जलाने से लगभग 30% कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होता है जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है और यह प्लास्टिक भी यहां वहां फेंकने से पर्यावरण को दूषित करता है लेकिन अब इस प्लास्टिक का भी सही सदुपयोग हो पाएगा. रीसाइकल कर दूसरी वस्तुओं को बनाने में भी इसका उपयोग होगा तो रीवा जिले में वन विभाग के द्वारा एक बेहतर पहल कहीं जा सकती है. जिसे अगर पूरे प्रदेश में लागू किया जाए तो पर्यावरण के लिए एक बेहतर संदेश हो सकता है.

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