MP Nursing Collage Scam: मध्य प्रदेश में हाई कोर्ट के आदेश के बाद कई नर्सिंग कॉलेज में तलब किया. मध्य प्रदेश में 66 ऐसी कॉलेज है जिनको बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं. रीवा में भी नर्सिंग कॉलेजों में में ताला लग जाने के बाद इस कार्रवाई से यहां पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रहीं 33 छात्राओं की चिंताएं बढ़ गई हैं. इनकी ओरिजनल मार्कशीट भी जमा थी, जो सीज हो गई है. वहीं इनके भविष्य का क्या होगा, यह भी स्पष्ट नहीं है. डेढ़ साल बीत गए लेकिन इनरोलमेंट नंबर जारी नहीं हुआ. करियर को लेकर डीन से छात्राओं ने मुलाकात की लेकिन राहत नहीं मिली.
रीवा का गवर्नमेंट कॉलेज सीज
हाईकोर्ट के आदेश और सीएमई के निर्देश पर मंगलवार को गवर्नमेंट कॉलेज सीज कर दिया गया. कॉलेज के साथ ही पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही नर्सों की मार्कशीट भी सीज हो गई हैं. छात्राएं परेशान हैं. मान्यता जाने के बाद उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है. डेढ़ साल से पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कर रहीं नर्से विभाग की तरफ से यहां एजुकेशन लीव पर आईं हैं. अलग-अलग जिलों से आकर इस उम्मीद में पढ़ रहीं थी कि जल्द ही पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की डिग्री मिल जाएगी. हालांकि उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. डेढ़ साल बाद भी इनरोलमेंट नहीं हुआ. प्रवेश परीक्षा पास कर रीवा सरकारी नर्सिंग कॉलेज को चुनने वाली नर्से अब खुद को ठगा महसूस कर रही हैं. पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कर रहीं छात्राओं का कहना है कि रीवा से ही डिप्टी सीएम व चिकित्सा शिक्षा मंत्री भी हैं. उनसे उम्मीद थी कि उनके साथ बेहतर ही होगा लेकिन उनकी समस्याओं की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है. गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज में ताला लग गया.
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छात्राओं का कहना है कि दो साल एजुकेशन लीव के मिलते हैं. डेढ़ साल निकल गए. अभी तक इनरोलमेंट तक नहीं हुआ. इस मामले में डीन से भी मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते. डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला से मिलिए. डीन यहां से रिलीव करने की बात कह रहे हैं. ऐसे में उनका भविष्य ही बर्बाद हो जाएगा. पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कर रहीं छात्राओं का कहना है कि उन्हें भी मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों में शिफ्ट कर दिया जाए, जिससे उनका भविष्य और समय बर्बाद न हो. रीवा सरकारी नर्सिंग कॉलेज में पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग करने वाली 33 छात्राएं हैं जो अलग-अलग जिलों से आकर यहां पर पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने बताया कि जब कॉलेज का चयन किया गया था तब कॉलेज पात्र था.
अब अपात्र हो गई छात्राएं अब क्या करे
दीपा सोनी गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज की छात्रा ने बताया की हम यहीं पर नौकरी करते थे. डिपार्टमेंट की तरफ से यहां नर्सिंग करने आए थे. दो साल एजुकेशन लीव मिलता है. डेढ़ साल बीत गए. अब तक न तो इनरोलमेंट हुआ और न ही परीक्षा हुई. अब तो कॉलेज भी सील हो गया. ओरिजनल मार्कशीट भी सीज हो गयी. डीन से इस संबंध में मिले तो बोले कि अब तो सीज हो गया कॉलेज. मंत्री जी से मिलिए. वहीं छात्रा चंदा कोरी कहती है की हमारा कॉलेज अनसुटेबल था. वह सीज कर दिया गया है. अब डिप्टी सीएम से अपील है कि हमारे भविष्य को ध्यान में रखते हुए हम सभी को किसी सुटेबल कॉलेज में शिफ्ट किया जाए.