MP News: जिले में कुकुरमुत्ता की तरह फैले झोलाछाप चिकित्सक लगातार मरीजों की जान ले रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है. जांच की बात करे तो आदेशों को फाइलों में दफन कर दिया जाता है. एक बार फिर झोलाछाप चिकित्सक के गलत उपचार से युवक की मौत का आरोप परिजनों ने लगाया है. हालांकि इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने नही पहुंची और न ही अधिकारियों ने इस संबंध में कोई निर्देश दिए.
घटना के संबंध में सोहागी थाना क्षेत्र के सोनौरी निवासी राजेश पुरी नें बताया कि बीते दिनों बीमार हुये उसके बड़े भाई लवलेष पुरी को स्थानीय डॉक्टर को दिखाया गया. जिसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो डॉ. गोस्वामी की सलाह पर कुशवाहा नाम के दूसरे डॉक्टर को दिखाया गया फिर भी जब सुधार नहीं हुआ तो प्रयागराज लेकर पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और रास्ते में ही युवक की मौत हो गई. स्थानीय लोगों की माने तो बिना किसी पंजीयन के उक्त झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा मरीजों का उपचार किया जा रहा है. मृतक के भाई का आरोप है कि ओवर डोज की वजह से उसकी मौत हुई हैं.
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लगातार सामने आ रहे मामले
बता दें कि लगातार झोलाछाप के चिकित्सकों की मौत से मरीजों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन साधे बैठे हुए हैं. कुछ जगहों पर औपचारिक कार्यवाही कर वह खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं. बीच में सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला ने अभियान चलाकर झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए थे, इसके लिए टीम भी तैनात की गई लेकिन औपचारिक कार्यवाही ही सामने आई. देर रात गंगेव में भी एक निजी डॉक्टर के उपचार से महिला की मौत हो गई. जिस पर लोगों ने काफी हंगामा किया. हालांकि विस्तृत जानकारी नहीं मिल पायी.
झोलाझाप डॉक्टर द्वारा दिये गए दवाओं के ओवर डोज से युवक की मौत हुई है. इधर गांव से बाजार तक के लिये पहुंच मार्ग ना होने की वजह से भी उपचार में देरी होना बताया गया. फिलहाल त्योंथर तहसील में एक बार फिर से झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही और सड़क के अभाव में एक युवक की मौत हो गई है.
त्यौंथर में पहले भी गई है बच्चों की जान
इससे पहले भी रीवा जिले में कई मामले झोलाछाप डॉक्टरों के सामने आए कुछ दिन पहले जिले के त्यौंथर इलाके में ही एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की जान जा चुकी लेकिन इसके बाद भी प्रशासन झोलाछाप डॉक्टरों के प्रकोप को कम नहीं कर पा रहा है कार्यवाही अभी हो रही है. लेकिन झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या विंध्य इलाके में इतनी ज्यादा हो गई है कि इन्हें पूरी तरह खत्म कर पाने के लिए एक विशेष अभियान की जरूरत है. जो प्रशासन नहीं कर पा रहे कुछ कार्रवाइयों के बाद मामला ठंडा बस्ती में चला जाता है और फिर एक घटना हो जाती है जिसके बाद प्रशासन अलर्ट होता है