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MP News: रीवा में दर-दर भटकने के लिए मजबूर अन्नदाता, गिरदावरी कराने के बाद भी ऑनलाइन नहीं दिख रही भूमि, किसानों का पंजीयन अटका

In some villages, more than 50% of the farmers have not registered their crop sales.

कुछ गांवों में 50% से अधिक किसानों ने अपने फसल विक्रय का पंजीयन नहीं कराया है.

MP News: किसानों की सुविधा के लिए शुरू किया गया एक ऐप गिरदावली किसानों की मुश्किल बन गया है. दरअसल किसान अपनी फसल को एप के माध्यम से दर्ज नहीं करवा पा रहे है जिसके कारण किसानों को धान की फसल बिक्री न होने का और धान सहित अन्य फसल के नुकसान होने पर किसी प्रकार के मुआवजा न मिलने का डर सता रहा है.

विंध्य के अधिकांश जिलों में में धान के विक्रय के लिए पंजीयन किया जा रहा है, लेकिन पंजीयन में समस्या आ रही है. बताया जाता है कि भूमि की गिरदावरी होने के बाद भी ऑनलाइन नहीं दिखने की वजह से किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है. परेशान होकर किसान दर-दर भटकने को मजबूर है.

सहकारी समिति काटने को मजबूर किसान

परेशान होकर के किसान पटवारी और सहकारी समिति के चक्कर काट रहे हैं. अभी तक कुछ गांवों में 50% से अधिक किसानों ने अपने फसल विक्रय का पंजीयन नहीं कराया है. किसानों ने कहा कि वह अपने फोन से एप में दर्ज करने की कोशिश करते हैं लेकिन तकनीकी समस्या के कारण नहीं हो पा रहा है साथ ही गिरदावाली एप में दर्ज करने के लिए जिन्हें नियुक्त किया गया है वह काम भी सही ढंग से नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते जिन किसानों के खेतों में लहराती फसल दिख रही है. लेकिन ऑनलाइन फीडिंग में वह भूमि बंजर दिखती है अब किसानों को डर है कि अगर पंजीयन नहीं हुआ तो वह अपनी फसल को निर्धारित समर्थन मूल्य पर कैसे बेंच पाएंगे. उन्हें बाजार में मजबूरी के भाव बेचना पड़ेगा, साथ ही किसानों का कहना है कि अगर कोई प्राकृतिक आपदा फसल पर आती है और फसल का नुकसान होता है तो इसका आकलन भी कर पाना मुश्किल हो जाएगा, और ना ही मुआवजा हो पाएगा.

रीवा जिले के भोलगढ ग्राम पंचायत के किसान हरिओम दुबे ने बताया की पंजीयन कराने के लिए सहकारी समिति में गए थे लेकिन कहा गया कि उनकी जमीन ऑनलाइन दिखाई नहीं पड़ रही है. इसकी गिरदावरी पटवारी से करानी पड़ेगी, पटवारी प्रतिदिन उपलब्ध नहीं रहते हैं अब कैसे यह समस्या दूर हो और फसल का विक्रय कैसे हो पाएगा.

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गिरदावली के लिए सर्वेयर किए गए हैं नियुक्त

पूर्व में राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी सर्वे का कार्य किया जाता था लेकिन इस बार शासन के द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गई थी जिन्हें प्रत्येक गिरदावरी के लिए 8 रुपए निर्धारित किया गया था. गिरदावरी के लिए नियुक्त किए गए सर्वेयर कार्य तो करते रहे लेकिन इसके बावजूद किसानों की फसल ऑनलाइन दिखाई नहीं पड़ रही है. जिसके कारण फसल विक्रय के लिए उन किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है. सर्वेयर के कार्य की भी समय सीमा समाप्त होने को है जिसके बाद अब कैसे किसानों की यह समस्या दूर होगी यह एक बड़ा सवाल है.

गिरदावरी की समस्या अधिकारियों के भी संज्ञान में है. रीवा कलेक्टर का कहना है कि कागजों पर गिरदावली अप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन 90% हो गया है लेकिन जब हम जमीन पर उतर के देखते हैं तो किसानों में भारी समस्याएं देखने को मिल रही है. प्रशासन का रहा है कि इस समस्या को लेकर कार्य किया जा रहा है.

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