MP News: प्रदेश के नगरीय निकायों में पेयजल और सीवरेज की बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी. इसके लिए तीन साल में 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया जाएगा. मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही 4617 करोड़ की लागत के काम शुरू करने की तैयारी है. सर्वाधिक फोकस लोगों को साफ पेयजल मुहैया कराने पर किया गया है. अधिकांश प्रोजेक्ट वर्क को वर्ष 2026-27 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है.
अमृत योजना के दूसरे चरण में मप्र के लिए कुल 11778.60 करोड़ रुपए मंजूर किया गया है. इसमें से 11195 करोड़ रुपए केवल जलप्रदाय और सीवरेज के प्रोजेक्ट्स में लगाया जाएगा. बाकी राशि तालाबों और पार्कों के विकास के लिए दी गई है. यहां ध्यान देने लायक बात यह भी है कि योजना के पहले चरण में एमपी के लिए 6801 करोड़ रुपए मंजूर किया गया था. वहीं अमृत 2.0 में 4977 करोड़ रुपए अधिक स्वीकृत किया गया है. अमृत 2.0 में सर्वाधिक खर्च वॉटर सप्लाई पर किया जाएगा. इसके प्रोजेक्ट्स पर 6262 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इससे 298 कार्य किए जाएंगे. राज्य स्तरीय तकनीकी समिति से 248 से अधिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है. हालांकि पहले चरण में अमृत योजना में कई खामियां भी उजागर हुई थी. कई जिलों में कागजों में ही नाले-नालियां में बन चुकी थी. इस मामले हालांकि राज्य सरकार पर नगर निगम स्तर पर जांच करवा रही है.
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क्या है अमृत योजना, फिर भी बारिश में जलभराव
साल 2015 में पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी. शहरी क्षेत्रों में सीवेज, ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने की योजना थी. पहला चरण पूरा हो चुका है. हालांकि बारिश के दौरान प्रोजेक्ट की हकीकत सामने आ जाती है. बारिश के दौरान कई शहरों में जलभराव की समस्या पैदा हो सकती है. यह तस्वीर भी आए दिन राजधानी भोपाल में देखने के लिए मिलती है. भोपाल सहित प्रदेश के कई बड़े शहरों में भी यही स्थिति बन रही है. ऐसे में अमृत योजना में हुए शहरों के विकास पर सवाल भी उठ रहे हैं.
जल समस्या भी राजधानी में बढ़ी
अमृत योजना के जरिए सीवेज के अलावा लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू हुए. शहर के कई हिस्सों में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है. नगरीय निकाय के चुनाव में भी यही मुद्दा राजधानी में जमकर चर्चाओं में रहा. हालांकि नगर सरकार ने अमृत योजना के तहत नर्मदा का पानी पहुंचाने का वादा किया लेकिन करोड़ों रुपए की लागत आने की वजह से परिषद फैसला नहीं कर पाई है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि नल जल योजना के तहत नरेला और हुजूर क्षेत्र के गांव और कालोनियों में पानी उपलब्ध कराया जाएगा.