MP News: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत मंगलवार को ग्वालियर पहुंचे. वे यहां केदारपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में 31 अक्टूबर से 3 नवंबर तक विविध संगठन प्रचारक प्रशिक्षण वर्ग में शामिल होंगे. इसमें आरएसएस(RSS) के 31 अनुषांगिक संगठनों के 554 प्रचारक भाग लेंगे. प्रशिक्षण वर्ग में भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले समेत संघ के सभी सह-सरकार्यवाह और अन्य प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होंगे.
संघ की यह राष्ट्रीय बैठक शहर के शिवपुरी लिंक रोड पर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर केदारपुर परिसर में हो रही है. इसमें मोहन भागवत चार दिन तक पूरे समय उपस्थित रहेंगे. वही बताया जा रहा है कि 3 नवंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी शामिल होने के लिए ग्वालियर पहुंचेंगे.
संघ के 99वें साल पूरे, शतक की ओर
बताया जा रहा है कि इस बैठक में मध्य भारत प्रांत के सभी प्रचारक और विस्तारक रहेंगे. संघ स्थापना को 99 वर्ष पूरे हो चुके हैं. अब शताब्दी वर्ष शुरू हो गया हैं. अब पांच मुद्दे हैं सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व का जागरण और नागरिक कर्तव्य है जिन पर विचार विमर्श होगा. अखिल भारतीय टोली के सभी सदस्य भी पूरे समय उपस्थित रहेंगे.
आरएसएस(RSS) की दीपावली बैठक के नाम से हर वर्ष होने वाली इस बैठक के लिए इस बार ग्वालियर को चुना गया है. इस बैठक में संघ की आगामी रणनीति और पाठ्यक्रमों में संभावित बदलावों पर व्यापक चर्चा होगी.
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सूत्रों के अनुसार बैठक में भाग लेने आरएसएस के विभिन्न आनुषंगिक संगठनों के अपेक्षित पूर्णकालिक पदाधिकारी कल से ग्वालियर पहुंचना शुरू हो जाएंगे. इस बैठक का औपचारिक समापन 4 नवंबर को होगा. इस बैठक में भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद सहित संघ से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. वही इस बैठक के लिए विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को भोजन और व्यवस्था संबंधी दायित्व सौंपे गए.
संघ प्रमुख मोहन भागवत मथुरा से सड़क मार्ग होते हुए ग्वालियर पहुंचे. आरएसएस(RSS) प्रमुख मोहन भागवत ग्वालियर में ही दीपावली पूजन करेंगे. इस चार दिवसीय प्रचारक वर्ग में वे कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं, जो सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रहते हैं. यह एक प्रशिक्षण वर्ग होगा, जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्र व वर्ग के बीच संघ कार्यों की समीक्षा और आगामी वर्षों के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा होगी. यहां मजदूर, किसानों, विद्यार्थियों तथा सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं ग्रामीण, वनवासी, शहरी क्षेत्र में कार्यों पर चर्चा होगी.