MP News: ग्रामीण विकास विभाग के अफसर जिला पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनने से बाहर कर दिए गए. अब सभी जिलों में भारतीय प्रशासनिक और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सीईओ पद पर पदस्थ हैं. प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में पिछले दस साल में पहली बार हुआ है कि ग्रामीण विकास के अधिकारी एक भी जिले में सीईओ जिला पंचायत नहीं है.
राज्य शासन का निर्णय है कि ग्रामीण विकास विभाग कॉडर में जिला पंचायत सीईओ के लिए 13 पद होंगे लेकिन, अधिकतम 8 पद तक भरे गए. इसके बाद धीरे- धीरे विभाग के अफसरों की पोस्टिंग घटने लगी और 9 सितंबर को हुए तबादलों में बालाघाट तथा सागर के जिला पंचायत सीईओ की सेवाएं भी ग्रामीण विकास विभाग को लौटा दी गईं. इन जिलों में वर्ष 2020 बैच के आईएएस अभिषेक सराफ और विवेक केवी को जिपं सीईओ बना दिया गया है. ऐसे ही कई विभागों में भी स्थिति बनी हुई है. लगातार कैडर अलॉट नहीं होने की वजह से दूसरे कैडर के अधिकारी विभागों में पदस्थ हो रहे हैं जबकि मूल कैडर के अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हो रही है.
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आखिरी दो सीईओ भी किए गए विभाग में वापस
ग्रामीण विकास विभाग के पीसी शर्मा सागर के अलावा रायसेन जिले में सीईओ जिला पंचायत रह चुके हैं, उनकी सेवाएं करीब 10 साल बाद वापस की गई हैं जबकि बालाघाट में पदस्थ रहे डीएस रणदा यहां 2 साल भी नहीं ठहर सके. कई और अधिकारी भी है जो इसी तरह की विसंगतियों का शिकार हो रहे हैं.