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MP News: इंदौर में एयरोपोनिक्स तकनीक से हो रही है केसर की खेती, फसल को गायत्री मंत्र सुनाया जाता है

Saffron is being grown using aeroponics in a house in Indore

इंदौर में एयरोपोनिक्स तकनीक से हो रही है केसर की खेती

MP News: जब केसर की खेती की बात होती है तो कश्मीर का जिक्र आता है. कश्मीर का करेवा जहां केसर के बड़े-बड़े खेत नजर आते हैं. इन खेतों में नीले रंग के फूल दिखाई देते हैं. इन फूलों से केसर मिलता है. आपसे कोई कहे कि मध्य प्रदेश के इंदौर में केसर की पैदावार हो तो आपको विश्वास होगा? लेकिन ये सच है.

एयरोपोनिक्स तकनीक से हो रही है पैदावार

इंदौर के साईं कृपा कॉलोनी के रहने वाले किसान पुत्र अनिल जायसवाल ने कमाल कर दिखाया है. अपने ही घर की पहली मंजिल के 320 वर्ग फीट के कमरे में उन्होंने बिना मिट्टी के प्लास्टिक की ट्रे में केसर की खेती शुरू की है. एरोपोनिक्स पद्धति से की गई इस खेती का सेट अप लगाने में लगभग साढ़े 6 लाख रुपये का खर्च किया गया है. जायसवाल के इस खेत से दो किलो ऑर्गेनिक केसर निकलने की संभावना है. जिसका भारत में 5 लाख रुपये किलो और अंतरराष्ट्रीय बाजार में साढ़े 8 लाख रुपये किलो तक भाव है. विस्तार न्यूज से चर्चा करते हुए किसान अनिल जायसवाल ने बताया कि यह वन टाइम इन्वेस्टमेंट है. सेट अप तो ऐसा ही रहेगा. वहीं केसर के बल्ब में से हर बार दो से तीन डॉटर बल्ब और निकलेंगे, जिन्हें अगली खेती के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

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गायत्री मंत्र सुनाया जाता है

केसर की इस खेती को और भी बेहतर और पौधों को प्राकृतिक महसूस करवाने के लिए कश्मीर के पक्षियों की आवाज के साथ ही गायत्री मंत्र भी सुनाया जाता है. जिससे पौधे प्राकृतिक वातावरण सा महसूस करते रहे और उन्होंने बहुत अच्छी फसल दी है. अनिल जायसवाल की पत्नी कल्पना बताती हैं कि पौधों में भी जान होती है और गायत्री मंत्र बहुत अधिक पावर फुल होता है. इस वजह से इन सब का भी पौधों पर गहरा असर पड़ा है.

क्या है एयरोपोनिक्स तकनीक?

एरोपोनिक्स पद्धति की खोज 1999 में नासा ने की थी. इसके माध्यम से नासा के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में खेती करने की योजना बना रहे थे. इसमें बिना मिट्टी के खेती की जाती है. पानी में जरूरी पोषक तत्व मिलाकर पौधों की जड़ों में छिड़का जाता है. इस पद्धति से इंदौर में खेती करने से यह सीधा स्पष्ट है कि भविष्य में जैसे-जैसे खेती के लिए खेत की कमी होती जाएगी. लोग इस तरह से खेती करते जाएंगे. केसर के लिए लगाए गए. इस सेट अप में मशरूम और स्ट्राबेरी की भी खेती की जा सकती है.

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