अनिल साहू-
MP News: मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत कई ग्राम पंचायतों में लाखों खर्च करके सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कराया गया है. हैरान करने वाली बात यह है की निर्माण के बाद से ही जिले के कई सामुदायिक स्वच्छता परिसरों में ताला जड़ा हुआ है.
सैकड़ों की संख्या में बने हैं सामुदायिक स्वच्छता परिसर
जिले भर में सामुदायिक स्वच्छता परिसर में करीब 3 लाख 43 हजार रूपये खर्च किये गए हैं और जिले के सैंकड़ों ग्रामों में स्वच्छता परिसरों के निर्माण में करोड़ों रूपये फूंक दिए गए हैं जिनमें ताला लगे होने के कारण महज शोपीस बनकर रह गए हैं. विस्तार न्यूज ने डिंडौरी जिले के अलग अलग इलाकों में बने सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का रियालिटी चेक किया तो पता चला की शहपुरा जनपद के संगवा गांव में सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण वर्ष 2021-22 कराया गया है और यहां पर जंग लगे ताला लटक रहे हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है. की यहां पर महीनों से ताला ही नहीं खुला होगा. ग्रामीण सतीश ने विस्तार न्यूज को बताया की सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण तो कराया गया पर निर्माण के बाद से ही परिसर में पंचायत के जिम्मेदारों ने ताला लगा रखा है. जिसके कारण स्थानीय लोग उसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं.
इसके बाद विस्तार न्यूज की टीम चार किमी का सफर तय करके रैपुरा गांव पहुंची जहां पर सामुदायिक स्वच्छता परिसर में ताला लटक रहे रहे हैं. ग्रामीण रवि और मारू सिंह ने बताया की रैपुरा गांव में बाजार लगता है,स्वच्छता परिसर को बने करीब दो साल हो गए पहले शौचालय का उपयोग होता था लेकिन अब ताला लगा रहता है कई बार जिम्मेदारों को बोला गया लेकिन इसका ताला नहीं खुलता जिससे बाजार हाट करने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. और यह स्वच्छता परिसर महज शोपीस बनकर रह गया है.
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गांव गांव में बने शौचालय का नहीं हो पा रहा उपयोग
डिंडोरी जिले के शहपुरा विधानसभा के डोभी गांव में भी जब विस्तार न्यूज की टीम पहुंची तो यहां भी वही हाल स्वच्छता परिसर में ताला लटकता मिला. हालाकि ग्रामीण आशीश ने बताया की यहां पर पीछे भी एक दरवाजा है जहां पर स्कूल बच्चे उपयोग करते हैं और कई बार एमरजेंसी में ग्रामीण भी आ जाते हैं. पर हैरान करने वाली बात है की यहां पर पाइप लाइन फूट जाने के कारण पानी की समस्या है जिससे यहां भी हालत ज्यों के त्यों है. इसके अलावा कछारी ग्रामपंचायत में भी स्टेट हाइवे के किनारे बने सामुदायिक स्वच्छता परिसर में भी ताला लटकता हुआ नजर आया.
स्वच्छता परिसर के आसपास रहने वाले ग्रामीणों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया की यह सामुदायिक स्वच्छता परिसर महज शोपीस बना हुआ है. यहाँ ग्रामपंचायत के लोग ताला लगाकर रखते हैं जिसके कारण हाइवे से गुजरने वाले मुसाफिर एवं स्थानीय लोग इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं. वहीं जब इस मामले में भिमपार ग्राम पंचायत के सरपंच कंधई सिंह से विस्तार न्यूज की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया की उनके ग्राम पंचायत में कभी जब समाज का काम होता है त्योहार रहता है. तब शौचालय को खोल दिया जाता है, इसके अलावा सरपंच ने कहा की जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए. क्योंकि सरकार ने जब स्वच्छ भारत मिशन के तहत उनके ग्रामों में शौचालय बनाया गया है तो उपयोग करना चाहिए और उन्होंने कहा की कई जगह तो पानी की समस्या है इस वजह से भी शौचालय बंद पड़े हैं.
जिम्मेदारों पर उठ रहे सवाल
जिले भर में लाखो खर्च करके सैकड़ों स्वच्छता परिसर का निर्माण कार्य करवाया गया है, जिसमे अधिकतर शौचालय में ताला लटका है, और कई शौचालय में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. गांव में बने शौचालय अनुपयोगी साबित हो रहे हैं,ये शौचालय महज शोपीस बनकर रह गए हैं. मामले में समाजसेवी व किसान नेता रेवा झारिया ने जिम्मेदारों पर आरोप लगाते हुए विस्तार न्यूज को बताया की जिले भर में सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कार्य तो करवा दिया गया. लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अधिकतर शौचालय में ताला लटका हुआ है,वहीं इस मामले में जिम्मेदार केमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं.