MP News: एक तरफ तो देश के पीएम नरेंद्र मोदी हर गरीब को आवास देने के लिए कटिबद्ध है, वहीं दूसरी ओर कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाने के लिए गरीबों के आशियाने उजाड़े जा रहें हैं. तेज गर्मी के बीच महिलाएं और बच्चे खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर हैं. घर विहीन हो चुके ये गरीब अब भूख से भी युद्ध लड़ रहे हैं. इंसाफ के लिए ये सभी चौखटो पर सिर रगड़ चुके हैं, लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही है. अपने टूटे आशयानों के बाहर खड़ी ये महिलाएं और बच्चे तेज गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं क्योंकि जिस स्थान पर ये रह रहे थे, उससे लगी कॉलोनाइजर विवेक दम्मानी और निकेत मंगल की जमीन है.
पहाड़ी पर स्थित यह इंदौर उज्जैन मेन रोड पर ग्राम पंचायत रिंगनोदिया में मौके की जमीन है. कॉलोनाइजर दम्मानी और मंगल अपनी जमीन पर कॉलोनी काटना चाहते हैं, लेकिन 2 दर्जन से अधिक झुग्गियां इसमें रोड़ा बन रही थीं, लिहाजा कॉलोनाइजर ने गांव के सरपंच संजय कुमावत से सेटिंग कर सभी झुग्गियों पर बुलडोजर चलवा दिया. पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया कि नोटिस दिए बिना ही टीम भारी पुलिस फोर्स लेकर मकान तोड़ने पहुंच गई थी, उन्हे अपने मकानों में से सामान तक नही निकालने दिया गया और मकान के साथ सामान भी तोड़ दिया.
2016 से रह रहे थे
यहां रह रहे लोगों को गांव की शासकीय भूमि पर 2016 में सभी सरकारी खानापूर्ति कर पट्टे दिए गए थे. इस समय इनके पास खुद के मकान नहीं थे, इस कारण इन्होंने सरपंच से इन्हे पट्टे देने की मांग की थी, जिस पर तत्कालीन कलेक्टर ने अनुमति दे दी थी, लेकिन जब टीम कार्रवाई करने आई तो महिलाओं ने पट्टे की कॉपी दिखाई तो वो भी कार्रवाई करने आई टीम ने फाड़ दी.
सरपंच ने मांगे 2 लाख प्रति मकान
महिलाओं ने आरोप लगाया कि यहां से मकान नहीं हटाने की एवज में सरपंच द्वारा प्रति मकान 2 लाख रूपयो की मांग की जा रही थी, उसे रुपए नही दिए तो मकान तुड़वा दिए. अब काम पर भी नही जा पा रहे, भूखे मरने की नौबत आ गई है.
मंत्री और कलेक्टर से लगाई गुहार, नहीं मिली मदद
सरपंच द्वारा बिना सूचना मकान तोड़ने के बाद पीड़ित परिवार सबसे पहले क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री तुलसी सिलावट के पास पहुंचे तो वहा से कोई मदद नहीं मिली. इसके बाद तहसीलदार और कलेक्टर से भी शिकायत की, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली.
चरनोई भूमि है, गौशाला बनाएंगे
वहीं पूरे घटनाक्रम में सरपंच संजय कुमावत का कहना है कि वह चरनोई भूमि है, वहा कुछ लोग शासकीय भूमि पर कब्जा करके बैठे थे. उन्हें हटने के कई नोटिस भी भेजे गए थे, लेकिन वे नहीं हटे तो प्रशासन ने कार्रवाई की है. मैंने किसी से रुपए नही मांगे, मैं बहुत सक्षम परिवार से हूं. कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं हटाई झुग्गियां, वहां गौशाला बनाई जाएगी.
मेरा कोई लेना देना नहीं है
इस मामले में कॉलोनाइजर निकेत मंगल ने फोन पर बताया कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है. हालांकि इसको लेकर वह मिलने को तैयार नहीं हुए. वहीं पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि सांवेर एसडीएम को शिकायत की गई थी, लेकिन उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की और कई घंटो इंतजार करने के बाद कलेक्टर ने भी मुलाकात नहीं की थी. पीएम मोदी की अति महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना का अधिकारियों द्वारा मखौल उड़ाया जा रहा है.