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MP News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाओं से संत समुदाय आक्रोशित, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन, प्रशासन को दो दिनों का दिया अल्टीमेटम

In Chitrakoot on Friday, angry saints took out an Akrosh Yatra from Janaki Kund to Bharat Ghat of Mandakini River.

चित्रकूट में शुक्रवार को आक्रोशित साधू संतो द्वारा जानकी कुण्ड से मंदाकिनी नदी के भरत घाट तक आक्रोश यात्रा निकाली गई.

रिपोर्ट- अरुणेश सिंह बीरु

MP News: पड़ोसी देश बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ बहुसंख्यक मुशलमानों द्वारा की जा रही बर्बरता और अत्याचारों के लेकर देश में जबरजस्त गुस्सा व्याप्त है. शुक्रवार को पवित्र नगरी चित्रकूट धाम के आक्रोशित साधू संतो द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर मुसलमानो द्वारा किए जा रहे अत्याचारों का विरोध करते हुए आक्रोश यात्रा निकालकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया. और चित्रकूट में रहने वाले मुसलमानों को हटाने की मांग की गई. मांगे न मानी जाने पर दो दिन बाद स्वयं कार्रवाई करते हुए चित्रकूट क्षेत्र अंतर्गत मुसलमानों को हटाने की बात कही गई.

जानकी कुण्ड से भरत घाट तक निकाली आक्रोश यात्रा

बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचारों का विरोध करते हुए चित्रकूट में शुक्रवार को आक्रोशित साधू संतो द्वारा जानकी कुण्ड से मंदाकिनी नदी के भरत घाट तक आक्रोश यात्रा निकाली गई. भरत घाट में आयोजित की गई सभा में उपस्थित सैकड़ों की संख्या में साधू संतो द्वारा हिन्दुओं से एकजुटता का आवाहन करते हुए भारत सरकार से मांग करते हुए कहा गया कि हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए भारत सरकार को बांग्लादेश के ऊपर हमला कर देना चाहिए. साधु संतो द्वारा कहा गया कि हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचारों पर देश का विपक्ष चुप्पी साधे हुए है,मानवाधिकार आयोग,संयुक्त राष्ट्र संघ,ये सब मौन धारण करके बैठ गए हैं. लेकिन अब देश का हिंदू समुदाय और साधु संत चुप नही बैठेगा.

शांति की बाते बहुत हो चुकी,अब क्रांति होगी

साधु संतो द्वारा चित्रकूट की सीमा क्षेत्र से मुसलमानो को हटाने के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी देते हुए कहा गया कि अगर दो दिन के अंदर प्रशासन हटाने की कार्रवाई नहीं करता है. तो फिर हिंदू समुदाय और साधु संत खुद हटाने की कार्रवाई करेंगे. कामदगिरि प्रदक्षिणा का प्रमुख द्वार मंदिर के संचालक संत मदन गोपाल दास द्वारा कहा गया कि आज देश का विपक्ष,मानवाधिकार आयोग,संयुक्त राष्ट्र संघ,इन सबके द्वारा मौन धारण कर लिया गया है. लेकिन अब हिंदू भाई बहन,साधु संत मौन नही रहेंगे. अगर कानून को भी अपने हाथों में लेने की जरूरत पड़ेगी, तो लेंगे. हमारा धर्म कहता है कि एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र होना चाहिए.

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आगे संत समुदाय ने कहा कि हम शास्त्र के अनुसार शांति पूर्वक भी रहते हैं, और जब शांति पूर्वक नही रहने दिया जाता है, तब शस्त्र उठा लेते हैं. संत मदन गोपाल दास द्वारा कहा गया कि चित्रकूट क्षेत्र में जहां जहां मुसलमानो द्वारा दुकानें,प्रतिष्ठान इत्यादि खोले गए हैं,उन्हे दो दिन के अंदर बंद कर दें. अन्यथा उन्हें बल पूर्वक चित्रकूट क्षेत्र से बाहर निकाल दिया जाएगा.

सनकादिक जी महाराज ने कहा कि जब मक्का में चालीस किलो मीटर के परिक्षेत्र में कोई गैर मुस्लिम नही जा सकता है, तो क्या हम लोग चित्रकूट के चार किलो मीटर के परिक्षेत्र को मुस्लिमो से आजाद नहीं करवा सकते हैं. चित्रकूट परिक्षेत्र में किसी भी मुस्लिम को नहीं रहने दिया जाएगा. एसडीएम मझगंवा जितेंद्र वर्मा द्वारा कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ किए जा रहे अत्याचारों का विरोध करते हुए आक्रोशित साधु संतो द्वारा आक्रोश यात्रा निकालकर राष्ट्रपति के नाम चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया है, जिसे मेरे द्वारा जिला कलेक्टर के माध्यम पहुंचाया जाएगा.

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