MP News: एक तरफ RTO के करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसके करीबियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. ED की टीम शुक्रवार को भोपाल और ग्वालियर में उसके ठिकानों पर रेड मार रही है. इस बीच सौरभा शर्मा ने खुद मोहन सरकार को एक पत्र लिखकर जान की सुरक्षा की मांग की है. साथ ही उसने कहा है कि अगर उसे, उसकी पत्नी, मां और बच्चों को जान की सुरक्षा की गारंटी मिलती है तो वह सामने आकर बड़ा खुलासा करेगा. वह गोल्ड, कैश, अकूत संपत्ति और राजनेता-ब्यूरोक्रेट्स के संपर्क के बारे में सभी खुलासे करेगा.
सौरभ शर्मा ने सरकार को लिखा पत्र
पूर्व RTO आरक्षक सौरभ शर्मा ने मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है. इस पत्र में सौरभ ने लिखा है कि उसे,उसकी पत्नी, मां और बच्चों को जान की सुरक्षा को गारंटी मिलती है तो वह जांच एजेंसियों के सामने आकर हर जांच में सहयोग करते हुए बड़ा खुलासा करेगा.
सौरभ शर्मा को किससे जान का खतरा?
सौरभ शर्मा के वकील सूर्यकांत भुजाड़े ने से जब पूछा गया कि सौरभ को किससे जान का खतरा है तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जो भी लोग इस केस में इन्वॉल्व हैं, जिनका ये पूरा रुपया-पैसा है उससे सौरभ की जान को खतरा है.
क्या हाई प्रोफाइल लोग इस केस में जुड़े हैं?
इस सवाल सौरभ शर्मा के वकील सूर्यकांत भुजाड़े ने बताया कि राजनीतिक और ब्यूरोक्रेट प्रोफाइल्स इस पूरे केस में जुड़ी हुई हैं. पूरा भ्रष्टाचार उनका ही है. सौरभ ने सिर्फ 7 साल नौकरी है. ये भ्रष्टाचार सिर्फ 7 साल का नहीं उससे कई साल ज्यादा पुराना है. सौरभ अकेले इतनी बड़ी वसूली नहीं कर सकता है. किसी भी इंसान के लिए अकेले ऐसा करना प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है. इसमें पुराने राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स इन्वॉल्व हैं. ये षड़यंत्र है और बचने के लिए पूरा आरोप सौरभ शर्मा पर डाल दिया गया है. इस केस में पकड़ा गया सोना, कैश, अकूत संपत्ति सब राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स के हैं.
क्या सौरभ जल्दी होंगे पेश?
सौरभ शर्मा द्वारा सुरक्षा की मांग किए जाने को लेकर वकील सूर्यकांत भुजाड़े ने बताया कि अगर प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से सौरभ शर्मा और उनकी फैमिली को सुरक्षा का आश्वासन मिलता है. अगर गारंटी दी जाती है कि उनकी जान को कोई खतरा नहीं है तो वह जांच एजेंसी के सामने आकर सबकुछ क्लियर करेंगे.
जांच में सहयोग करना चाहते हैं आरोपी
वकील सूर्यकांत भुजाड़े ने बताया कि सौरभ शर्मा और शरद इस केस में आरोपी नहीं हैं. ये दोनों केस की जांच में सहयोग करना चाहते हैं. लेकिन वह सहयोग तभी कर पाएंगे जब वह निडर होंगे और उन्हें लगेगा कि उनकी जान को कोई खतरा नहीं है. इस केस की सही तरीके से जांच होने चाहिए और भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी का खुलासा होना चाहिए.
