MP News: स्कूल शिक्षा विभाग में एक अद्भुत कारनामा सामने आया है. एजुकेशन पोर्टल पर लाखों कर्मचारियों को इनएक्टिव कर दिया है. इसका कारण उनकी मृत्यु, रिटायरमेंट, बर्खास्तगी या फिर त्याग पत्र देना बताया गया है. जब इनमें से कई कर्मचारियों ने खुद को पोर्टल पर एक्टिव करने की मांग की तब यह मामला सामने आया है. इसके बाद प्रदेश भर के शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया क्योंकि विभाग ने उन्हें मृतक मान लिया है या फिर उनका रिटायरमेंट खुद ही तय कर दिया है.
लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
दरअसल, एजुकेशन पोर्टल पर मृत्यु, सेवानिवृत्ति, टर्मिनेट, रिजाइन बताकर लाखों की संख्या में शासकीय कर्मचारियों को इनएक्टिव कर दिया गया है. अब इन कर्मचारियों का परीक्षण किया जाएगा. इन्हें गलती से इनएक्टिव करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश के 52 जिलों में 22 हजार 672 शासकीय पदों के लिए आवेदन आ रहे है. संचालनालय ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन कर्मचारियों को इनएक्टिव करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए प्रत्येक लोक सेवक का परीक्षण कर प्रस्ताव भेजे जाएं.
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कर्मचारियों ने की एक्टिव करने की मांग, जागा विभाग
22 हजार 672 कर्मचारियों की मृत्यु होना बताते हुए उन्हें इनएक्टिव कर दिया गया. वहीं एक लाख 2 हजार 637 कर्मचारियों को सेवानिवृत्त बताते हुए इनएक्टिव कर दिया गया. 2 हजार 781 कर्मचारियों को टर्मिनेट और 18 हजार 243 कर्मचारियों का रिजाइन बताते हुए उन्हें एजूकेशन पोर्टल से इनएक्टिव कर दिया गया है. अब लोक शिक्षण संचालनालय के पास इन्हें एक्टिव करने डाइस कोड, शाला का नाम, इनएक्टिव करने का कारण, एक्टिव करने का कारण और इस त्रुटि के लिए जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी का नाम और पद की जानकारी मांगी गई है.
विभाग ने शुरू की गड़बड़ी सुधारने की कवायद
सारे इनएक्टिव कर्मचारियों का परीक्षण कराया जा रहा है. जो कर्मचारी गलती से इनएक्टिव हो गए है, उनके नाम फिर से एक्टिव किए जाएंगे. यदि गलती से किसी के नाम इनएक्टिव किए गए हैं तो उन्हें इनएक्टिव करने के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी की जाएगी.