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MP News: एमपी में चीफ सेक्रेटरी की तलाश तेज, वीरा राणा को नहीं मिलेगा एक्सटेंशन, डीजीपी का बदलना भी तय

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एमपी में चीफ सेक्रेटरी की तलाश तेज

MP News: मध्य प्रदेश में नए चीफ सेक्रेटरी की तलाश शुरू हो गई है. केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव का पूरा दारोमदार सरकारी कामकाज को लेकर रहेगा. मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि 15 से 20 जून के बीच नए चीफ सेक्रेटरी को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा. केंद्र सरकार की सहमति के बाद मध्य प्रदेश में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति हो जाएगी.

जानकारी के मुताबिक, अभी मध्य प्रदेश में एक्सटेंशन पर चल रही वीरा राणा की जगह दूसरे अधिकारी को जिम्मेदारी मिल सकती है. हालांकि उनका रिटायरमेंट सितंबर में होना है. लेकिन सरकार की मंशा है कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा करना है तो फुल टाइम के सेक्रेटरी होना जरूरी है.

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मुख्य सचिव की रेस में कई अधिकारी हैं. दिल्ली में पदस्थ अनुराग जैन की प्रबल संभावना है. ऐसे में अगर उन्हें मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव बनाना है तो पहल मोहन यादव को ही करनी पड़ेगी. यदि केंद्र उन्हें रिलीव नहीं करता है, ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश में तीन सीनियर अधिकारियों के नाम भेजे जाएंगे. जिसमें एसएन मिश्रा, मोहम्मद सुलेमान, राजेश राजौरा शामिल हैं. मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि अगर अनुराग जैन मध्य प्रदेश नहीं आते हैं तो डॉ. राजेश राजौरा प्रबल दावेदार मुख्य सचिव के तौर पर रहेंगे. इसके पीछे की वजह है कि उनका लंबा प्रशासनिक अनुभव और मुख्यमंत्री की गुड लिस्ट में शामिल रहना.

कानून व्यवस्था में नियंत्रण नहीं, दो बैठकों में डीजीपी को लगी फटकार

मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर कई बार सवाल उठे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डीजीपी सुधीर सक्सेना को तलब किया, लेकिन उनकी तरफ से कोई ठोस जानकारी घटना के संबंध में नहीं दी गई. पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय में बैठक के दौरान भी कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ने फटकार लगाई थी. मंत्रालय में बैठक के दौरान डीजीपी मुख्यमंत्री के सवालों का जवाब नहीं दे पाएं. पुलिस मुख्यालय सूत्रों के मानें तो मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार डीजीपी फिट नहीं बैठ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने रात के समय गश्त को लेकर निर्देश दिए थे लेकिन डीजीपी खुद एक्टिव नहीं हुए. यहां तक की महिला अत्याचार सहित कई घटनाओं को लेकर कानून व्यवस्था पर पुलिस महकमें पर सवाल उठे. अपराधियों पर शिकंजा कसने पर भी बीजेपी की तरफ से कोई खास प्रदेश के सभी एसपी को दिए नहीं दिए.

मकवाना नहीं तो शर्मा बनेंगे अगले डीजीपी

नवंबर में डीजीपी सुधीर सक्सेना रिटायर होने वाले हैं. इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार नए डीजीपी की तलाश भी शुरू कर रही है. सीनियरिटी के आधार पर कैलाश मकवाना, शैलेंद्र सिंह, जीपी सिंह, अरविंद कुमार, अजय शर्मा के नाम शामिल है लेकिन तीन ही अधिकारियों के नाम का पैनल भेजा जाएगा. ऐसे में पब्लिक फीस वाले अधिकारी की लॉटरी जरूर लग जाएगी. उन्हें ही डीजीपी बनाया जाएगा. कई पूर्व डीजीपी का चुके हैं कि जनता के बीच सक्रिय और पुलिस में बेहतर समझ रखने वाले अधिकारी को ही डीजीपी बनाया जाता है. ऐसे में केंद्रीय प्रति नियुक्ति और खुफिया एजेंसी में भी काम करने वाले अधिक अधिकारी को प्राथमिकता होती है. ऐसे में अरविंद कुमार, जीपी सिंह और अजय शर्मा के नाम का पैनल भेजा जाएगा. हालांकि संभावना है कि अजय शर्मा को डीजीपी बनाया जा सकता है.

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