MP News: सागर जिले के रहली तहसील के छिरारी गांव का है. जहां 7 दिन पहले जन्मे नवजात बच्चे को उसके परिजन सड़क किनारे छोड़कर चले गए. अच्छी बात तो यह रही कि पास में ही लगे रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के किसी जानवर ने नवजात को अपना शिकार नहीं बनाया. छिररी गांव में देर रात एक घर के सामने कपड़े में लिपटा हुआ नवजात पड़ा हुआ था.
कपड़े में लिपटा हुआ मिला नवजात
बच्चों की रोने की आवाज सुनकर घर पर सो रहे लोगों ने उसे दिखा तो कपड़े में लिपटा हुआ एक नवजात रो रहा था. इसकी तुरंत जानकारी उन्होंने रहली पुलिस को दी. छिरसी से चांदपुर जाने वाली सड़क पर बने घर के गेट के छोड़कर कोई अज्ञात परिजन बच्चे को छोड़कर चला गया. पुलिस पहुंची तो नवजात कपड़े में लिपटा हुआ था डायल 100 के पायलट और प्रधान आरक्षक ने मौके से इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी और तुरंत डायल 100 में नवजात को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर बसंत नेम ने नवजात बच्चे का परीक्षण किया और प्राइमरी इलाज शुरू किया.
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बच्चा पूरी तरीके से स्वस्थ है नवजात को देखने के बाद आसपास रहने वाले लोगों की भीड़ जमा हो गई और वह बच्चों के परिजन को खोजते हुए नजर आए. प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि रात्रि में गेट के सामने बिल्ली जैसे सोने रोने की आवाज सुनाई दी थी गेट खोल कर देखा तो नवजात कपड़े में लिपटा हुआ रो रहा था. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लेकर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आ गई.
पुलिस कर रही कार्रवाई
डॉ बसंत नेमा ने बताया बच्चा 7 दिन का है, पूर्ण स्वस्थ है लेकिन उसे आईसीयू और अन्य जैसी उचित व्यवस्था न होने से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. इस पूरे मामले में रहली थाना प्रभारी अनिल तिवारी ने अज्ञात परिजन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और परिजनों की तलाश की जा रही है, बच्चे को जिला अस्पताल रेफर किया गया है स्वस्थ होने के बाद उसे मातृत्व छाया में भेजा जाएगा.