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MP News: बाबा बागेश्वर की हिंदू एकता यात्रा का शंकराचार्य ने किया विरोध, बोले- वैदिक परंपरा से कोई भी समझौता नहीं करेंगे

Shankaracharya Sadanand protested against Baba Bageshwar's Hindu unity tour

शंकराचार्य सदानंद ने बाबा बागेश्वर की हिंदू एकता यात्रा का विरोध जताया

MP News:सनातन हिंदू एकता पदयात्रा पर अब एक और शंकराचार्य ने निशाना साधा है. शारदा द्वारकापीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा निकाली गई सनातन हिंदू पदयात्रा का विरोध जताया है.

वैदिक परंपरा से कोई भी समझौता नहीं- शंकराचार्य

शंकराचार्य सदानंद सरस्वती का कहना है कि हिंदू राष्ट्र की मांग तो ठीक है लेकिन जात-पात को खत्म करने का वह विरोध करते हैं. जात-पात की विदाई का नारा उन्हें नहीं लगाना चाहिए था. अगर जात-पात से इतनी ही समस्या है तो फिर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने नाम के आगे पंडित क्यों लगाते हैं. जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा की वर्ण व्यवस्था तो समाज में आदिकाल से चली आ रही है. जिसे आज तक कोई नष्ट नहीं कर पाया है. वैदिक परंपरा से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है. हिंदू राष्ट्र तो सब चाहते हैं लेकिन यह आखिरकार कैसे बनेगा इस पर अब तक किसी ने कुछ नहीं कहा है.

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‘जाती-पाती की विदाई का हम विरोध करते हैं’

शंकराचार्य का कहना है कि आपका संविधान तो हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं कर सकता है तो फिर हिंदू राष्ट्र कैसे बनेगा. सदानंद सरस्वती ने साफ शब्दों में कह दिया कि सब हिंदू राष्ट्र के समर्थक हैं लेकिन जाती-पाती की विदाई का हम विरोध करते हैं. गौरतलब है कि इसके पहले जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू सनातन एकता पदयात्रा का विरोध किया था और उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सरकार का मोहरा तक कह दिया था.

‘सनातन बोर्ड से होगी मंदिरों की रक्षा’

शारदा द्वारकाधीश के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने सनातन बोर्ड का भी समर्थन किया है. सदानंद सरस्वती का कहना है कि सनातन बोर्ड एक संगठन के तौर पर काम करेगा जो मंदिरों तीर्थ स्थान और हिंदू धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए होगा. सदानंद सरस्वती ने कहा कि अगर तिरुपति मंदिर की व्यवस्था महात्मा के हाथों में होती तो वहां कभी भी घी में चर्बी नहीं मिलाई जा सकती थी. सरकार बड़े-बड़े मंदिरों पर तो ध्यान दे लेती है लेकिन हजारों साल पुराने छोटे-छोटे मंदिरों की व्यवस्था नहीं देख पाती है वहां ना तो भगवान को भोग लगाया जाता है और ना ही पूजन अर्चन होता है. ऐसे में सनातन बोर्ड ऐसे धार्मिक स्थलों की रक्षा और सेवा का काम करेगा. सनातन बोर्ड वैसे तो हर काम कर सकेगा लेकिन सनातन धर्म देशवासियों और धार्मिक स्थानों की रक्षा का काम प्रमुख होगा इसलिए सनातन बोर्ड जल्द बनना चाहिए.

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‘बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा करना वहां की सरकार की जिम्मेदारी’shankarachrya

शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर भी बयान दिया. शंकराचार्य ने कहा कि बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं की रक्षा का उत्तरदायित्व उठाना चाहिए. हर देश की सरकार का यह दायित्व होता है कि उसके देश में निवास कर रहे हर धर्म के लोगों की रक्षा करे. बांग्लादेश के लोगों को यह सोचना चाहिए कि जिस तरह हिंदू दुनिया की कई देशों में निवास करते हैं. इस तरह मुस्लिम भी तो दूसरे देशों में रह रहे हैं. ऐसे में वह क्या संदेश देना चाहते हैं. लिहाजा बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की रक्षा का पूरा उत्तरदायित्व बांग्लादेश की सरकार का ही है.

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