हेमकुमार तिवारी-
MP News: श्योपुर जिले के विजयपुर ब्लाँक के अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दौर्द में छात्र स्कूल जाने के लिए कीचड़ से सने हुए रास्ते से निकलने पर मजबूर है. छात्र और टीचर भी कही बार इस रास्ते में गिरकर चोटिल हुए हैं. जानकारी के मुताबिक वर्ष 2012 से आज दिनांक तक बरसात के मौसम में स्थित यही रहती है लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली है. ग्राम पंचायत दौर्द में सडकों का हाल बेहाल है. कीचड से सनी सडकों पर स्कूल बच्चे चलने पर मजबूर है, बारिश होते ही स्कूल जाने के लिए रास्ते में पानी भरने से दलदल हो जाता है जिसके चलते बच्चे विशेषकर छात्राएं स्कूल जाने से कतराती है. इस संबंध में स्कूल के शिक्षक व छात्र कई बार गिरकर चोटिल हुए हैं और अपनी परेशानी जिम्मेदारो तक बता चुके हैं, जिसका खामियाजा स्कूली बच्चों को भुगतना पड रहा है.
कीचड़ ने रोकी बच्चों की पढ़ाई
कीचड़ को देख कर वैसे तो छात्र घर से ही नहीं निकलते है लेकिन जो निकलने की हिम्मत कर लेते हैं वे कीचड़ में लिपट कर स्कूल पहुंचते हैं. मामला विजयपुर के दौर्द हायर सेकंडरी विद्यालय का है. इस विद्यालय की स्थापना तो 2011 हो गई और बिल्डिंग भी बना दी गई लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधि ये भूल गए. कि वर्षा काल में बच्चे इस स्कूल में आखिर पढ़ने कैसे जायेंगे. गांव से लेकर ठीक स्कूल तक पानी और कीचड़ से रास्ता भरा हुआ है ऐसे में वैसे तो पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजते ही नहीं लेकिन जो हिम्मत करके निकलते हैं. वो नंगे पैर हाथों में जूते लेकर गिरते उठते स्कूल पहुंचते हैं.
अब बच्चे ऐसी हालत में यदि स्कूल आ भी जाएं तो पढ़ेंगे कैसे यही हाल स्कूली शिक्षकों का है. बडी मुस्किल से कच्चे रास्तों से घूम कर खेतों की पगडंडियों से स्कूल पहुंचते हैं. ऐसा नहीं है की प्राचार्य ने जिम्मेदारों को अवगत नहीं कराया है. बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों से और गाँव के सरपंच, सचिव और विधायक तक को सड़क, कीचड़ से अवगत कराया है लेकिन स्थिति जस की तस है.