MP News: शिवपुरी को मध्यप्रदेश की पहली पर्यटन नगरी का गौरव हासिल है. यहां कई सारे मंदिर हैं और नेचुरल ब्यूटी से घिरा है. शिवपुरी के पोहरी तहसील में एक मंदिर है जहां लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है. पोहरी का ये गणेश मंदिर अपने आप में खास और कई सारी खासियत लिए हुए है. भगवान गणेश का ये मंदिर लगभग 286 साल पुराना है. इस मंदिर का नाम इच्छापूर्ण गणेश मंदिर है.
आइए विस्तार से जानते हैं इस मंदिर के बारे में…
पोहरी किले में स्थित है गणेश मंदिर
पोहरी शिवपुरी जिले की तहसील है. एक छोटा सा शहर जिसमें एक छोटा सा किला है. इस किले में एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर है. इस मंदिर को इच्छापूर्ण गणेश मंदिर कहा जाता है. यहां श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती है. इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की इस मूर्ति को श्रीजी कहा जाता है.
286 साल पुराना है ये मंदिर
इस मंदिर का निर्माण पोहरी के जागीरदार बालाबाई शितोले ने करवाया था. पोहरी सिंधिया स्टेट की जागीर था. साल 1737 में इस मंदिर की स्थापना बालाबाई शितोले ने की थी. ऐसा कहा जाता है कि किले के अंदर मंदिर उन्होंने इसलिए बनवाया क्योंकि जब वो खिड़की से झांकें तो मंदिर दिखाई दे.
पूजा करने से मिलता है मनचाहा वर
इस मंदिर में लड़कियां वर मांगने आती हैं. लड़कियों की मनचाहे वर की इच्छा पूरी होती है. भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से मनचाहे वर की इच्छा पूरी होती है. इसी कारण इस मंदिर को इच्छापूर्ण गणेश मंदिर कहा जाता है. यहां कुंवारी लड़कियां मन्नत मांगते हुए नारियल भगवान गणेश को अर्पित करती हैं.
इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश को श्रीजी कहा जाता है
इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति चतुर्भुज है यानी चार भुजाओं वाली है. एक हाथ में अंकुश, दूसरे हाथ में माला, तीसरे हाथ में वेद और चौथे हाथ में कमल है. ये भगवान गणेश की बैठी हुई मूर्ति है. भगवान गणेश की सूंड बाईं ओर है जिसका मतलब है कि ये सुख-समृद्धि देने वाले है. इसी कारण इच्छापूर्ण गणेश को श्रीजी भी कहा जाता है.