MP News: प्रदेश में सीखो कमाओ योजना की हकीकत सामने आई है. साल भर के भीतर ही 71 युवा फिर से बरोजगार हो गए हैं. उन्हें एक साल के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत श्री सिंगा पावर जेनटेरिंग कंपनी में रखा गया था. अब आईटीआई और 12 वीं पास युवाओं को बाहर करने का आदेश जारी हो गया है.
यह सरकारी पावर जेनटेरिंग कंपनी का कारनामा है. सवाल एक और बड़ा है कि सरकारी एजेंसी ने सरकार की योजना को ही लागू नहीं किया है. फिर निजी कंपनियों पर युवा भरोसा क्या करें. जबकि इस योजना के तहत सरकार ने लाखों युवाओं को नौकरी दिलाने के लिए कंपनियों से करार भी किया था. इसके बाद भी युवाओं के रोजगार की गारंटी नहीं सरकार ले पाई है. श्री सिंगा जी ताप विद्युत परियोजना के मुख्य अभियंता ने आदेश जारी करते हुए कहा कि योजना के लिए ट्रेनिंग अवधि पूरी हो चुकी है.
बेरोजगारों से सरकार ने किया था ये वादा
मध्य प्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षण के साथ साथ प्रतिमाह स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा. 12वीं उत्तीर्ण को रु. 8000, आईटीआई उत्तीर्ण को रु. 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को रु. 9000 एवं स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को रु. 10000 स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा. स्टाइपेण्ड, कोर्स के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता के आधार पर निर्धारित किया गया है. योजना के तहत प्रतिवर्ष 1 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा, आवश्यकतानुसार लक्ष्य बढ़ाया जा सकता हैं। प्रत्येक युवा को राज्य शासन द्वारा ₹1 लाख तक का स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा.
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सीखो कमाओ योजना की प्रोग्रेस रिपोर्ट
71 लाख 37 हजार युवाओं ने योजना का फायदा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन किया है
65 लाख 68 हजार युवाओं का एप्लीकेशन पेंडिंग है.
1 लाख 14 हजार 554 युवाओं का आवेदन रिजेक्ट हुआ है.
32 हजार युवा इंटरव्यू के लिए शार्टलिस्ट हैं.
38 हजार 931 युवाओं के लिए निजी कंपनियों से अनुबंध किया गया.
28 हजार 993 युवाओं ने कंपनियों में रोजगार के लिए पहुंचे.
4 हजार 527 युवाओं ने नौकरी के बाद ज्वाइन ही नहीं किया.
सरकार ने 17 हजार के लिए किया 59 करोड़ का भुगतान
सीखो कमाओ योजना के तहत निजी कंपनी के साथ राज्य सरकार की ओर से भी अनुदान दिया जाता है. निजी कंपनी ट्रेनिंग देकर युवाओं को स्किल बनाएगी. इसके लिए राज्य सरकार ने अगस्त महीने में 59 करोड़ रुपए 17 हजार 477 युवाओं के खाते में ट्रांसफर की है. खास बात है कि 15 हजार से अधिक युवाओं के बैंक खाते भी नहीं है.