MP News: मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह के आपत्तिजनक बयान के मामले में SIT ने सुप्रीम कोर्ट में पहली स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान के मामले में SIT ने विजय शाह के खिलाफ विभिन्न तथ्यों को खंगाला है. अब इस केस में 28 मई सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी.
SIT ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट
कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह के खिलाफ SIT जांच कर रही है. 27 मई को SIT ने सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में पहली स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है. इस मामले की जांच के लिए SC ने तीन सदस्यों की SIT का गठन कर जांच का जिम्मा सौंपा था.
SIT ने विभिन्न तथ्यों को खंगाला
SIT के प्रमुख सागर जोन के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा हैं, जबकि विशेष सशस्त्र बल के डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और डिंडौरी पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह सदस्य हैं. SIT ने विभिन्न तथ्यों को खंगाला है, वीडियो फुटेज का सत्यापन भी कराया गया है.
मंत्री विजय शाह ने क्या कहा था?
11 मई 2025 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू स्थित रायकुंडा में MP सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने एक सभा को संबोधित किया था. इस सभा को संबोधित करते हुए मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद वह विवादों में घिर गए.
मंत्री विजय शाह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा था- ‘जिन्होंने हमारी बहनों के सिंदूर उजाड़े थे, मोदी जी ने उन लोगों को उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करवाई. उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा था. मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते थे, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि अगर तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करेगी.’
हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
14 मई 2025 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले में स्वत: संज्ञान लिया. न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए तुरंत FIR दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके बाद इंदौर के लसूड़िया थाना में विजय शाह के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई थी.
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