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MP News: महाकाल को गर्मी बचाने के लिए किए जा रहे उपाय, शिवलिंग के ऊपर 11 मटकियां लगा कर जल धारा प्रारंभ की गई

Online-offline booking will be closed for Bhasma Aarti in Mahakal temple on New Year

नए साल पर महाकाल मंदिर में भस्म आरती के लिए बंद रहेगी ऑनलाइन-ऑफलाइन बुकिंग

Baba Mahakal Ujjain: गर्मी आते ही जहां एक तरफ लोग घर में ठंडक के लिए कूलर,एसी का इंतजाम कर रहे है. वहीं दूसरी तरफ उज्जैन में महांकालेश्वर मंदिर के पण्डे पुजारियों ने भगवान महाकाल को गर्मीं से राहत पहुंचाने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रहे हैं. यहां परम्परा अनुसार मन्दिर में बाबा महाकाल को सहस्त्र जल धारा चढ़ाई जा रही है. यह प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से शुरू होती है और जल धारा का यह क्रम ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तक सतत जारी रहता है.

महाकाल के ऊपर बाधे गए  11 मिट्टी के कलश

बता दें कि बाबा को जलधारा चढ़ाने के लिए शीर्ष पर ग्यारह मटकियां बांधी गई है. इन मटकियों को गन्तिकाएँ भी कहा जाता है. मटकियों में अलग अलग पवित्र नदियों का जल भरा गया है. प्रत्येक मटकियों के माध्यम से अलग अलग जलधार द्वारा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल चढाया जाता हैं. बाबा को यहाँ जलधारा प्रतिदिन सुबह 6 बजे चढ़ना प्रारंभ की जाती है. जो की शाम 5 बजे तक निरंतर जारी रहती है. यहाँ पंडे-पुजारी बाबा महाकाल को वैशाख-ज्येष्ठ मास की भीषण गरमी में शीतलता के लिए यह जतन करते हैं.

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मटकियों में लिखे गए 11 नदियों के नाम

दरअसल 24 अप्रैल बुधवार सुबह हुई भस्म आरती के बाद कलशों में जल भरकर बाबा को अर्पित किया गया. इन मटकियों में प्रतीकात्मक रूप से नदियों के नाम गंगा, सिंधु, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, शरयु, क्षिप्रा, गण्डकी लिखा गया है. नियमित चांदी के कलश की जलधारा के अलावा 11 अतिरिक्त मिट्टी की मटकियों से दो महीनें तक जलधाराएं प्रवाहित की जाएंगी.

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