Voter List Verification: मध्य प्रदेश में मंगलवार (4 नवंबर) से SIR (स्पेशल इंसेटिव रिवीजन) की शुरुआत हो रही है. केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश के बाद प्रदेश के सभी 65 हजार बीएलओ घर-घर जाकर सर्वे करेंगे. इससे पहले BLO को ट्रेनिंग देने काम पूरा हो चुका है. बीएलओ डोर-टू-डोर जाकर आयोग द्वारा जारी फॉर्म देंगे और साल 2003 के SIR के आधार पर मतदाताओं की जानकारी ली जाएगी. राज्य की सभी 230 विधानसभा सीटों के हर बूथ पर वोटर वेरिफिकेशन किया जाएगा.
तीन बार घर जाएंगे BLO
केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश के बाद से मध्य प्रदेश में 27 अक्टूबर से मतदाता सूची फ्रीज है, यानी नए नामों को जोड़ा नहीं जा रहा है और मतदाता सूची में किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं किया जा रहा है. इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइन के अनुसार का SIR का कार्य किया जाएगा. इससे पहले जिला कलेक्टर, कमिश्नर, सुपरवाइजर और BLO को ट्रेनिंग देने का काम पूरा हो चुका है.
बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे. आधा हिस्सा पहले से ही भरा होगा और फॉर्म का आधा हिस्सा खाली होगा, जिसे मतदाताओं को भरना होगा. BLO तीन बार घर जाएंगे. जो वोटर्स संदिग्ध पाए जाएंगे, उनके दस्तावेज मांगे जाएंगे. वहीं, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) संजीव झा ने कलेक्टरों को SIR की प्रक्रिया में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए हैं.
इस तरह होगा SIR का कार्य
4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर जाकर गणना की जाएगी. इसके बाद 9 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट पब्लिश किया जाएगा. 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्ति ली जाएगी. इसी दौरान वेरिफिकेशन का काम भी किया जाएगा, जो 31 जनवरी 2026 तक चलेगा. फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा. इससे पहले चुनाव आयोग साल 2002 से 2008 के बीच देश के सभी राज्यों में SIR कराया था.
आपत्ति होने पर इन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता
मतदाता को वेरिफिकेशन के लिए 12 मान्य दस्तावेज में से किसी एक दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा. इन दस्तावेजों में पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, पेंशनर्स पहचान पत्र, 10वीं क्लास की अंकसूची, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जमीन या मकान आवंटन पत्र, आधार कार्ड, राष्ट्रीय रजिस्टर दर्ज नाम (NRC), जाति प्रमाण पत्र और किसी सरकारी विभाग द्वारा पहचान पत्र.
