MP News: चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रदेश सरकार फिर एक्टिव मोड में आ गई है. सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने मंगलवार 11 जून को अपनी कैबिनेट की बैठक बुलाई है. बैठक का एजेंडा अधिकारी तय कर रहे हैं. इसमें बीस से अधिक एजेंडों पर चर्चा की संभावना है. कैबिनेट बैठक में जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास और आवास विभाग समेत अन्य विभागों के करोड़ों रुपए नए प्रोजेक्ट मंजूर करने और रुके व अटके प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए सहमति दी जा सकती है.
कैबिनेट के बाद सीएम चुनिंदा विभागों के मंत्रियों, एसीएस और पीएस से फिर चर्चा करेंगे. अधिकारियों को अपने विभाग की समीक्षा रिपोर्ट बनाने को भी कहा गया है. कैबिनेट की पिछली बैठक 14 मार्च को हुई थी. इस बैठक में खासतौर पर चित्रकूट विकास प्राधिकरण के गठन, केन बेतवा परियोजना के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी और पर्वतमाला योजना के अंतर्गत प्रदेश के कई जिलों में रोपवे शुरू करने का फैसला किया गया था. इसके बाद अब 89 दिनों के बाद पहली बैठक होने वाली है. इधर चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद प्रदेश में अगले मंगलवार से सभी जिलों के कलेक्टर कार्यालयों में होने वाली जनसुनवाई भी शुरू हो जाएगी. जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) अब इसे फिर से शुरू करने का आदेश एक दो दिनों में जारी करेगा.
जल गंगा संवर्धन अभियान को बढ़ावा देने की कवायद
राज्य सरकार प्रदेश में जल संवर्धन के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान चला रही है. इस पर भी आने वाले दिनों में कुछ और फैसले हो सकते हैं. चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके मंत्री अभी तक जनता के हित में लागू की जाने की जाने वाली नई योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा नहीं कर पा रहे थे. अब नई योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा भी की जा सकेगी.
खुल सकता है तबादलों पर बैन
कैबिनेट की बैठकों में प्रदेश में 15 दिन या अधिक समय के लिए तबादलों पर बैन भी हट सकता है. इसमें जिला और राज्य स्तर पर कर्मचारियों के तबादले मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय की सहमति से किए जा सकेंगे. इसके अलावा मंत्रियों को प्रभार के जिले सौंपने और एसीएस व एडीजी स्तर के अफसरों द्वारा की जाने वाली संभागीय समीक्षा बैठकों व उनकी रिपोर्ट पर कार्यवाही भी तेज हो सकेगी.
मंत्रियों को जिलों का प्रभार भी जल्द
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री की इसी दिन संगठन नेताओं से भी चर्चा होनी है. अगले हफ्ते तक मंत्रियों को जिलों के प्रभार भी आवंटित कर दिए जाएंगे. मंत्रियों को जिले का प्रभार देने सीएम की संगठन नेताओं से एक दौर की बैठक पूर्व में हो चुकी है पर लोकसभा चुनाव के चलते यह मामला टाल दिया गया था. माना जा रहा है कि बजट सत्र के पहले ही मंत्रियों को जिलों के प्रभार आवंटित कर दिया जाएगें.
बजट पर रहेगा फोकस
प्रदेश सरकार का फोकस प्रदेश के नए वित्त बजट को लेकर रहेगा. जो जुलाई के पहले सप्ताह में विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसके लिए विभागीय मंत्री भी विभाग प्रमुखों के साथ बैठकें करेंगे. वही प्रदेश में अब आईएएस, आईपीएस अफसरों की नई जमावट भी की जाएगी.