MP News: मध्य प्रदेश में गौ भक्ति के नाम पर जमकर सेवादारों ने कंजूसी की है. पिछले साल भर में सिर्फ 6 लाख 9 हजार से 545 रुपए ही चंदे के तौर दिए है. मध्य प्रदेश में 3 लाख से अधिक गोवंश है. सरकार ने 2151 गौशालयों का निर्माण किया है. सबसे बड़ा सवाल यही है कि गौ भक्त के नाम पर तस्करों पर हमला करने वाले सेवादार गौ माता के लिए कितने चिंतित हैं. क्योंकि साल भर में सिर्फ 6 लाख ही पशुपालन विभाग को डोनेशन के जरिए मिला है.
पशुपालन मंत्री कह चुके हैं कि मध्य प्रदेश में गौ सेवा के लिए लोगों में रुचि नहीं है.
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यही वजह है कि मध्य प्रदेश में सड़कों पर गोवंश बैठे रहते हैं. क्योंकि गौशालाओं में उनके खाने-पीने की व्यवस्था के लिए सरकार भले ही 40 रुपए खर्च कर रही है लेकिन सेवादारों की मदद से गौवंश सुरक्षित नहीं होंगे. पशुपालन विभाग के मुताबिक 5 अप्रैल 2024 को भोपाल के रहने वाले पवन ने 1 दान दिए मार्च 2024 को, बैतूल से अजमेर सिंह ने 920 रुपए दान दिया. शाजापुर के रहने वाले जयकुमार ने 1100 रुपए 21 मार्च 2024 को दिया. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के तहत 1200 से अधिक गौशालाएं संचालित हो रही है. जिसमें से 127000 गोवंश का पालन किया जा रहा है. स्वयंसेवी संस्थाओं के जरिए 627 गौशालाएं संचालित हो रही है जिसमें 199000 गोवंश है.
प्रदेश में 4 करोड़ पशु, 1 करोड़ अवारा कुत्ते
मध्य प्रदेश में सरकार ने साल 2019 में प्रदेश भर में पशु धन को लेकर गणना कराई थी. मध्य प्रदेश में 4 करोड़ से अधिक पशु है. जिसमें से एक करोड़ से अधिक आवारा कुत्ते भी हैं. यह गणना 51 जिलों में की गई थी. करीब 13260 घोड़े और टट्टू है, वही 2500 से भी खच्चर और 8000 से अधिक 1700 ऊंट भी शामिल है.