MP News: दमोह जिले की पथरिया पुलिस थाना क्षेत्र की रहने वाली एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाली छात्रा 11वीं में पढ़ती थी. छात्रा के परिजनों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि 2 दिसंबर को स्कूल के ही 4 छात्रों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म (Rape) किया. इस घटना के बाद तनाव में आकर बेटी ने खुदकुशी कर ली.
परिजनों ने लगाया ब्लैकमेल करने का आरोप
छात्रा के पिता ने बताया कि वो गुरुवार यानी 5 दिसंबर को स्कूल नहीं गई थी. इसकी वजह पूछने पर पत्नी ने बताया कि बीते सोमवार को दो छात्र लंच ब्रेक में बेटी को पहाड़ी पर घुमाने के बहाने ले गए थे. वहां दो और छात्र थे. उन्होंने बेटी के साथ गैंगरेप किया और वीडियो भी बनाया था. इसके बाद से वे लगातार ब्लैकमेल कर रहे थे, जिससे वह स्कूल नहीं गई.
पिता का कहना है कि सच्चाई जानने के लिए मैंने अपने बेटे को 2 छात्रों के घर भेजा तो दोनों ने बात को घुमाने की कोशिश की. बोले-वीडियो नहीं बनाया है.
बीजेपी सबक सीखने को तैयार नहीं है- जीतू पटवारी
इस घटना को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए हैं. दमोह में 11वीं की छात्रा ने गैंगरेप के बाद फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली! NCRB आंकड़ों में कलंक के कई काले-टीके लगने के बावजूद बीजेपी सबक सीखने को तैयार नहीं है! इसीलिए, ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही हैं!
दलित व आदिवासियों का उत्पीड़न और महिला अत्याचार मध्य प्रदेश की स्थायी पहचान केवल इसलिए बने हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री कानून और व्यवस्था में अपने समय का निवेश करना ही नहीं चाहते हैं.
CM डॉ. मोहन यादव दमोह के दर्द ने पूरे प्रदेश को द्रवित कर दिया है! जनता प्रदेश के गृहमंत्री पर क्यों और कब तक विश्वास करे? गृहमंत्री की आंख का पानी कब उतरेगा? कब वे स्थिति की गंभीरता को समझेंगे? कब इस्तीफा देंगे?
पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया
पुलिस थाना प्रभारी कुमार बेगी ने मीडिया को बताया कि दो नाबालिगों के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) के तहत मामला दर्ज किया गया है. परिजनों ने वीडियो बनाने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है इसे लेकर जांच की जा रही है. 4 नाबालिगों की तलाश जारी है.
दमोह जिले के एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी का कहना है कि थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि परिवार के बयान में जो नाम निकलकर सामने आए हैं, उन्हें हिरासत में लिए जाएं. छात्रों के मोबाइल को जब्त करके फॉरेंसिक जांच कराएं. बाकी नाबालिगों पर भी केस दर्ज करें.