MP News: एक बार फिर सोशल मीडिया पर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले एसडीओपी के द्वारा सराहनीय और समाजसेवी पहल देखने मिली है. एसडीओपी संतोष पटेल के प्रयास से तीन भाषाओं को बोलने वाले आकाश लोधी को पुलिस ने अपने देश नेपाल के लिए रवाना कर दिया है. एसडीओपी संतोष पटेल ने आकाश को उसके घर वालों से मिलवाया.
बता दें कि हस्तिनापुर के सोनपुरा गांव में रोता बिलखता हुआ विक्षिप्त युवक मिला था, जिसे पुलिस ने ग्वालियर स्वर्ग सेवा सदन में रखवाया और 14 दिन बाद नेपाल से उसका भाई लेने आया, जहां एसडीओपी बेहट ने अपनी गाड़ी से खुद बरौनी एक्सप्रेस में बैठाकर उसे परिवार के साथ गोरखपुर रवाना किया.
बता दें लगभग 15 दिन पहले सोनेपुरा गांव से मोनू पराशर नाम के लड़के ने एसडीओपी बेहट संतोष पटेल को बताया कि एक लड़का गांव में आया है जो रो रहा है और कुछ नाम पता नहीं बता रहा है. एसडीओपी ने थाना प्रभारी हस्तिनापुर राजकुमार राजावत को मौके पर तस्दीक हेतु भेजा. पुलिस द्वारा गांव में मिले युवक को ग्वालियर स्वर्ग सेवा सदन आश्रम छोड़ा गया.
पुलिस के प्रेम पूर्वक वार्तालाप और आश्रम की सेवा के बाद आकाश ने बताया कि वह नेपाल का रहने वाला है. जिस पर एसडीओपी ने नेपाल दूतावास में संपर्क कर आकाश के भाई बैशाकी लोधी को सूचना दी. उसके बाद15 दिन बाद अपने भाई को लेने ग्वालियर पहुंचे. परिजनों को देखकर आकाश बहुत खुश नजर आया और उसने एसडीओपी से इंग्लिश में बात की. ग्वालियर से गोरखपुर जाने वाली बरौनी एक्सप्रेस में पहुंचने के लिए समय न होने पर पुलिस अपनी गाड़ी से रेलवे स्टेशन लेकर गई और वहां ट्रेन में पुलिस ने सीट में बैठाकर आकाश को उसके भाई वैशाकी और मामा के लड़के के साथ खुशी-खुशी अपने देश नेपाल के लिए रवाना किया.