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MP News: प्रदेश को मिलने जा रही है नए एयरपोर्ट की सौगात, 5 से ज्यादा एयरपोर्ट वाले चुनिंदा राज्यों में शामिल होगा एमपी

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प्रतीकात्मक चित्र

MP News: मध्य प्रदेश, भारत के उन राज्यों के क्लब में शामिल हो गया है जहां 6 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं. जल्द ही एमपी को 6वें एयरपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है. एमपी में पहले से ही इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और खजुराहो में एयरपोर्ट हैं. इन एयरपोर्ट से देश के छोटे-बड़े शहरों के लिए रेगुलर फ्लाइट्स है. अब रीवा, एयरपोर्ट सिटी बनने जा रही है. सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रीवा एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. इस तरह मध्यप्रदेश उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां 5 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं.

एमपी के हर एक एयरपोर्ट की अपनी एक खासियत है. आइए जानते हैं एमपी के सभी एयरपोर्ट के बारे में…

इंदौर – देवी अहिल्या बाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट

ये एयरपोर्ट एमपी का एकमात्र एयरपोर्ट है जहां से इंटरनेशनल फ्लाइट्स उपलब्ध है. इस एयरपोर्ट से दुबई और शारजाह के लिए फ्लाइट्स उपलब्ध है. इस एयरपोर्ट का निर्माण 1948 में हुआ था जिसे साल 2019 में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया गया. ये एमपी का सबसे व्यस्त, बड़ा और पैसेंजर वाला एयरपोर्ट है. इस एयरपोर्ट पर पैसेंजर फैसिलिटी के अलावा कार्गो फैसेलिटी की भी सुविधा है.

इसके रनवे की लंबाई 2,750 मीटर है. जहां एयरबस-320 और हरक्यूलिस सी-130 जैसे विमान यहां से उड़ान भर सकते हैं. इस एयरपोर्ट से 1400 यात्री प्रति घंटे सफर कर सकते हैं. साल 2018 की रिपोर्ट के अनुसार इंदौर एयरपोर्ट भारत का 18वां सबसे व्यस्तएयरपोर्ट है.

भोपाल: राजा भोज एयरपोर्ट

एमपी का दूसरा सबसे बड़ा और व्यस्त एयरपोर्ट भोपाल एयरपोर्ट है. इस एयरपोर्ट का नाम परमार वंश के महान राजा भोज के नाम पर रखा गया है. राजा भोज एयरपोर्ट से देश के अलग-अलग हिस्सों और शहरों के लिए फ्लाइट्स की सुविधा है. इसके रनवे की लंबाई 2,744 मीटर है. इस रनवे पर बड़े-बड़े विमान उतारे सकता है. ये सेंट्रल एमपी का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है.

भोपाल एक तरह से इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. हज के दौरान इस एयरपोर्ट से सउदी अरेबिया के जेद्दाह के लिए फ्लाइट्स मिलती है. बाकी के समय ये फ्लाइट बंद रहती है. ये एमपी का एकमात्र ऐसा एयरपोर्ट है जो सोलर एनर्जी से चलता है. इस एयरपोर्ट पर कार्गो कॉम्पलेक्स की स्थापना की गई है. भोपाल एयरपोर्ट भारत के उन 8 एयरपोर्ट में से है जहां मेंटेनेस, रिपेयर और ओवरहॉल यानी एमआरओ फैसिलिटी सेंटर की स्थापना की गई है.

जबलपुर: डुमना एयरपोर्ट

ये एमपी का तीसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट है. जबलपुर के पास डुमना में स्थित होने के कारण इसे डुमना एयरपोर्ट कहा जाता है. इस एयरपोर्ट से देश के बड़े शहरों के लिए फ्लाइट्स उपलब्ध है. ये एमपी का सबसे पुराना एयरपोर्ट है. साल 1930 में ब्रिटिश एयर फोर्स और रॉयल फ्लाइंग कोर्प्स दूसरे विश्व युद्ध के समय इसका उपयोग करते थे. साल 1960 तक इस एयरपोर्ट पर पक्का रनवे नहीं था. इसके बाद यहां सुविधाएं बढ़ाई गईं और एयरपोर्ट स्ट्रक्चर का निर्माण किया गया.

साल 2024 में 412 करोड़ रुपये की लागत से इस एयरपोर्ट का विस्तार किया गया. डुमना एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई को बढ़ाकर 2,750 मीटर किया गया. इस तरह ये एमपी का दूसरा सबसे लंबा रनवे वाला एयरपोर्ट बन गया. इसके अलावा यहां नया एटीसी टॉवर, फैसिलिटी सेंटर, टर्मिनल और चैक इन काउंटर का निर्माण किया गया.

जबलपुर एयरपोर्ट महाकौशल का एकमात्र एयरपोर्ट है. कान्हा, पेंच, बांधवगढ़, अमरकंटक जैसे टूरिस्ट प्लेस तक पहुंचने के लिए एकमात्र एयरपोर्ट है.

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ग्वालियर: राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट

ये एमपी का चौथा सबसे व्यस्त और बड़ा एयरपोर्ट है. ये एक डोमेस्टिक एयरपोर्ट है. साल 1942 में इस एयरपोर्ट का निर्माण किया गया था. उस इस एयरपोर्ट का उपयोग ब्रिटिश आर्मी या रॉयल एयर फोर्स किया करती थी. रायल एयर फोर्स ने इसे ट्रैनिंग बेस की तरह इस्तेमाल किया. साल 1947 में आजादी के समय ब्रिटिश आर्मी ने इसे भारतीय सेना को सौंप दिया. इसके बाद साल 1958 में ग्वालियर एयरपोर्ट को सिविल एयरपोर्ट के रूप में खोला गया.

इस एयरपोर्ट में दो रनवे हैं जिसमें से एक रनवे का इस्तेमाल एयरफोर्स करती है और दूसरे रनवे का इस्तेमाल सिविल एविएशन के लिए किया जाता है. साल 2024 में इस एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया गया. लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एयरपोर्ट में एप्रन, नया एटीसी टॉवर, फैसिलिटी सेंटर जैसी कई सारी सुविधाएं हैं. इसके रनवे की लंबाई लगभग 2,743 मीटर है जो एमपी में चौथे नंबर पर आता है.

खजुराहो एयरपोर्ट, छतरपुर

इस एयरपोर्ट की स्थापना साल 1978 में की गई थी. वर्ल्ड फेमस और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल मंदिर कॉम्पलेक्स की वजह से इस एयरपोर्ट की स्थापना की गई. छतरपुर जिले से 40 किमी दूर स्थित ये एयरपोर्ट 590 एकड़ में फैला हुआ है. इस एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 2,274 मीटर है.

खजुराहो एयरपोर्ट पर एयरबस-320 और बोइंग-737 जैसे विमान लैंडिंग कर सकते हैं. ये डोमेस्टिक एयरपोर्ट है, यहां से दिल्ली और वाराणसी के लिए फ्लाइट्स आसानी से मिल जाती है.

रीवा एयरपोर्ट

एमपी का सबसे नया एयरपोर्ट. इस एयरपोर्ट का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी सितंबर में करने वाले हैं. ये विंध्य का एकमात्र एयरपोर्ट है जहां से दिल्ली और मुंबई समेत एमपी के कई शहरों के लिए फ्लाइट्स मिलेंगी. रीवा एयरपोर्ट एमपी का पहला एयरपोर्ट होगा जहां से भोपाल के लिए फ्लाइट की सुविधा होगी. साल 2023 में इसे हवाई पट्टी से हवाई अड्डे में बदलने का काम शुरू किया गया था. लगभग 207 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार इस एयरपोर्ट से विंध्य के शहरों को लाभ मिलेगा.

रीवा, सतना, सिंगरौली, सीधी और आसपास के शहरों को एयर कनेक्टिविटी से जुड़ने का मौका मिलेगा. इस एयरपोर्ट को उड़ान योजना के तहत जोड़ा गया है. पीएम श्री पर्यटन योजना से जोड़कर तीर्थयात्रियों को यात्रा करवाई जा रही है.

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