MP News: उज्जैन में बनी वैदिक घड़ी इसलिए महत्वपूर्ण है कि ये एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के बीच 30 घंटे का समय दिखाएगी. साथ ही इसमें भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के आधार पर 60 मिनट नहीं बल्कि 48 मिनट का एक घंटा तय किया गया है. साथ ही वैदिक समय के आधार पर ही ये घड़ी अलग-अलग मुहूर्त भी दिखाएगी. पुराने समय में जैसे काल और समय की गणना होती थी, उसी आधार पर गणना करेगी. इसी को ध्यान में रखते हुए वैदिक घड़ी को बनाया गया है. 30 घंटे वैदिक घड़ी वैदिक गणित के आधार पर काम करती है और घड़ी से मुहूर्त भी देख सकेंगे. इस घड़ी को मोबाइल एप से भी संचालित किया जा सकता है.
वैदिक घड़ी प्राचीन भारतीय समय निर्धारण प्रणाली के आधार पर 30 मुहूर्त दर्शाती है. 30 मुहूर्त को 30 काल और 30 काष्ठ में विभाजित किया गया है. 30 मुहूर्त लगातार 2 सूर्योदयों के बीच का समय अंतराल (1 दिन और रात ) 1 मुहूर्त बराबर 30 कला (वर्तमान समय प्रणाली में लगभग 48 मिनट), 1 कला बराबर 30 काष्ठ (लगभग 96 सेकंड), 1 काष्ठ बराबर लगभग 3200 मिली सेकंड.
पंचांग और मुहूर्त देखने की सुविधा
उज्जैन की इस घड़ी का विक्रमादित्य वैदिक घड़ी नाम दिया गया है. वैदिक घड़ी दुनिया की पहली ऐसी घड़ी है जो डिजिटल होगी. इसमें भारतीय कालगणना वैदिक समय, इंडियन स्टैंडर्ड टाइम और ग्रीनवीच मीन टाइन के साथ भारतीय कालगणना वाले विक्रम संवत पंचांग, 30 मुहूर्त, योग,भद्रा, चंद्रमा की स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्य उदय, सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रहण इत्यादि की जानकारी ली जा सकेगी. सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर यह घड़ी समय बताएगी. बोलचाल की भाषा में अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त और अमृत काल कहा जाता है.
वैदिक घड़ी का एप लॉन्च होगा
वर्तमान में प्रचलित घड़ी मेकेनिकल होने से दिन व रात को बराबर 12-12 घंटों में बांटती है परंतु वास्तव में संपूर्ण विश्व में दिन व रात एक जैसे नहीं होते हैं. सूर्य उदय के समयानुसार हर शहर का दिन-रात का समय अलग-अलग होता है. यह वैदिक घड़ी सूर्य सिध्दान्त पर कार्य करती है. सूर्योदय से समय की गणना करती है. दिन भर के 15 मुहूर्त व रात्रि के 15 मुहूर्त दर्शाती है. इसे भविष्य में शीघ्र ही मोबाइल एप रिस्टवॉच (कलाई घड़ी) दीवार घड़ी के रूप में लॉन्च किया जाएगा.