MP News: इस बार ग्वालियर मेले की शुरुआत 25 दिसंबर से होगी. ये मेला 25 फरवरी तक चलेगा. पूरे 2 महीने मेला चलेगा. मेले के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. ग्वालियर मेले को माधवराव सिंधिया व्यापार मेला के नाम से जाना जाता है. हर साल ये मेला ठंड के सीजन में लगता है. जहां मध्य प्रदेश समेत पूरे देश से व्यापार और ग्राहक आते हैं. संभाग आयुक्त मनोज खत्री के निर्देश पर मेला की व्यवस्थाओं से संबंधित विभिन्न कार्यों की निविदाएं विधिवत आमंत्रित की जा चुकी हैं.यह सभी निविदाएं पोर्टल www.mptenders.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आमंत्रित की गई हैं.
119 साल पुराना है ग्वालियर व्यापार मेला
ग्वालियर मेला 119 साल पुराना है. इसकी शुरुआत साल 1905 में हुई थी. ये भारत ही नहीं एशिया के सबसे बड़े मेलों में से एक है. इसकी शुरुआत महाराजा माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी. उस समय इसे पशु मेले की तरह शुरू किया गया था. तब ग्वालियर मेले में देश और प्रदेश के अलग-अलग शहरों से पशु बेचने के लिए व्यापारी आया करते थे.
ये भी पढ़ें: गैंगरेप के विरोध में कांग्रेस का रीवा में प्रदर्शन, बाइक रैली निकालकर दुकानें कराई बंद
104 एकड़ के परिसर में लगता है मेला
मध्य प्रदेश के चौथे सबसे शहर में लगने वाला ये मेला कई मायने में अलग है. शहर के मेला ग्राउंड में 104 एकड़ एरिया में मेला लगता है. इस मेले में अलग-अलग संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यहां देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकार प्रस्तुति देते हैं. इस मेले में कला, संस्कृति और व्यवसाय का बेहतरीन नजारा देखने को मिलता है.
कई ब्रांड्स व्यापार करने के लिए आते हैं
ये मेला कितना भव्य होता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां लगभग सभी इंटरनेशनल ब्रांड व्यापार के लिए आते हैं. सैमसंग, एलजी, महिंद्रा, मारुति से लेकर सारे फेमस ब्रांड अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. यहां इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिक वाहन, फोर और टू व्हीलर व्हीकल, कपड़े, पशु समेत कई प्रोडक्ट्स का व्यापार होता है.
पिछले साल हुआ था 1600 करोड़ का व्यापार
पिछले साल यानी 2023 में ग्वालियर मेले में 1600 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था. इसने पिछले 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ा.