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MP में अगली कैबिनेट में आ सकती है ट्रांसफर पॉलिसी, 15 फीसदी से अधिक नहीं होंगे ट्रांसफर, मंत्रियों को मिलेंगे विशेष अधिकार

MP IAS TRANSFER

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News: पिछले एक महीने से लंबित तबादला नीति अब जल्द जारी हो सकती है. कई बार विचार मंथन के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है. मोहन सरकार की अगली कैबिनेट में इसे मंजूरी के लिए लाया जा सकता है. इसमें खास बात यह होगी कि इस बार यह पालिसी पूरी तरह ऑनलाइन होगी, ताकि तबादलों की प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बनी रहे.

इस बार तबादलों में प्रभारी मंत्रियों के अधिकारों को भी बढ़ाया जा रहा है. इसका विस्तृत खाका नई नीति जारी होने पर ही सामने आएगा. लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से ही सरकार की तबादला नीति का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि इस दौरान सरकार प्रशासनिक जरूरतों के हिसाब से छिटपुट तबादले करती रही है पर अधिकृत ट्रांसफर पॉलिसी का अभी भी इंजतार है. इस बार पूरी पॉलिसी ऑनलाइन होगी. सभी विभागों से कहा गया है कि वे इस संबंध में ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन फाइलें भेंजे. इस तबादला नीति में अधिकारियों और कर्मचारियों को विकल्प चुनने के अवसर भी दिए जाएंगे. इसके अलावा सरकार प्रशासनिक आधार पर तबादले कम से कम करेगी. सरकार की मंशा है कि तबादले दस प्रतिशत से अधिक नहीं किए जाएं. इस पालिसी के आने पर कई विभागों में अधिकारी- कर्मचारियों की युक्तीयुक्तकरण की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी. प्रस्तावित पॉलिसी में कैबिनेट और राज्यमंत्रियों के तबादले करने के अधिकारों का भी उल्लेख होगा.

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दो साल से हो रहा इंतजार

गौरतलब है कि पिछले साल चुनावों के चलते तत्कालीन सरकार ने तबादला नीति जारी नहीं की थी. विभागों को सिर्फ जरूरी तबादलों के अधिकार दिए गए थे. दो साल पहले जुलाई माह में तबादला नीति जारी हुई थी जिसमें दस दिन तक तबादलों का समय नियत किया गया था जिसे बाद में पांच दिन के लिए और बढ़ा दिया गया था. पहले और दूसरे, तृतीय श्रेणी के कार्यपालिक पदों के तबादले कैबिनेट मंत्री के अनुमोदन के बाद किए जा सकेंगे.

राज्यमंत्रियों को भी मिल सकतें है अधिकारी

वहीं तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले के अधिकार राज्यमंत्री को दिए जा रहे हैं. इसके अलावा जिलों के समस्त तबादले चाहे वे किसी भी विभाग के हो उनकी सूची प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद ही जारी हो सकेगी. इसमें सांसद और विधायकों की सिफारिशों का भी ध्यान रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि तबादला नीति अब पूरी तरह तैयार है, इस पर कैबिनेट की अगली बैठक में चर्चा की जा सकती है. शैक्षणिक सत्र शुरू हुए दो महीने से अधिक का समय गुजर गया है लिहाजा सरकार सिर्फ बेहद जरूरी तबादले ही करेगी. दूसरी तरफ राज्य के कर्मचारी संगठन अब तबादला नीति जारी करने के पक्ष में नहीं हैं. उनका कहा है कि शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है और ऐसे में अगर तबादले किए जाते हैं तो कर्मचारियों को अपने बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने में दिक्कत आएगी और उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी .

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