MP News: दमोह से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. जहां एक आदिवासी महिला ने हटा ब्लॉक के सरकारी बर्धा उपस्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही अस्पताल के फर्श पर नवजात शिशु को जन्म दे दिया. जिले में इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई न होने के चलते बार-बार ऐसी घटनायें हो रही हैं. वहीं कई दिनों से दमोह अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. जिसके चलते प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
पहला मामला : 5 प्रसूता महिलाओं ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते अपनी सांसे तोड़ देती थीं. लेकिन इस पर कोई कार्यवाई नहीं हुई थी.
दूसरा मामला : कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जिला अस्पताल के अंदर घुसकर ओपीडी कक्ष में तोड़फोड़ कर कंप्यूटर और सरकारी कागजो को फाड़कर जमीन पर फेंक दिया गया था, मौके पर सिटी कोतवाली पुलिस भी पहुचीं थी लेकिन जांच पड़ताल के बाद भी कोई कार्यवाई नहीं हुई थी.
तीसरा मामला : जिला अस्पताल के अंदर बच्चा वार्ड में एक महिला घुस गई थी और 4 दिन की मासूम बच्ची का अपहरण भी कर लिया . करीब 7 घण्टे की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस उक्त महिला के पास से बच्ची को बरामद कर उसकी मां तक पहुचाने में सफल हो हुई. वहीं 50 से अधिक सिक्योरिटी गार्डो के बीच बच्ची का अपहरण हो जाना आम घटना नहीं है, फिर भी गार्डो पर कोई कार्रवाई नही की गई.
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चौथा मामला : 2 सितंबर 2024 को इमलिया गांव की आदिवासी महिला मनीषा प्रसव पीड़ा से जूझ रही थी,दर्द से तड़प रही थी.परिजन आनन फानन में करीब दोपहर 12 बजे उक्त महिला को लेकर के हटा ब्लॉक के बर्धा उपस्वास्थ्य केंद्र पंहुचे,जहां उपस्वास्थ्य केंद्र में ताला जड़ा हुआ था. प्रसव पीड़ा के दर्द से जूझ रही आदिवासी महिला को मजबूरन अस्पताल की चौखट के बाहर फर्श पर ही नवजात शिशु को जन्म देना पड़ा.
दमोह से कई मंत्री सांसद, फिर भी स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल
वहीं इस घटना के कुछ देर बाद जच्चा बच्चा दोनों को डायल 108 सेवा से मड़ियादो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. जहां दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार किया जा रहा है. यह वो इलाका है जिस क्षेत्र से भाजपा विधायक उमादेवी खटीक मौजूदा सरकार में दो राज्यमंत्री लखन पटेल, धर्मेद्र सिंह लोधी, पूर्व वित्तमंत्री मौजूदा विधायक जयंत कुमार मलैया और सांसद राहुल सिंह लोधी आते हैं. राज्य से लेकर केंद्र तक की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले ये तमाम नेता अपने जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में कही न कही विफल दिखाई दे रहे हैं.
हालांकि इस पूरे मामले में हटा बीएमओ ने वर्धा में पदस्थ केंद्र प्रभारी के अवकाश पर होने की बात कही और बताया कि ANM की ड्यूटी टीकाकरण अभियान में लगी है, जिसके कारण केंद्र बन्द था, मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद जच्चा बच्चा दोनो को मड़ियादो केंद्र में शिफ्ट किया गया है.