MP News: धनतेरस और दिवाली के त्योहार पर भगवान कुबेर की पूजा का बहुत महत्व होता है. धन और ऐश्वर्य के स्वामी भगवान कुबेर के मंदिर बहुत ही कम जगह हैं, जिनमें से एक मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित है. इस मंदिर में मौजूद प्रतिमा करीब 1100 साल पुरानी है. मान्यता है कि यहां आकर भगवान धन कुबेर की नाभि पर इत्र लगाने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
उज्जैन में धन कुबेर मंदिर
उज्जैन के गुरु सांदीपनि आश्रम में भगवन कुबेर का प्राचीन मंदिर है. यहां स्थापित भगवान धन कुबेर की दिव्य प्रतिमा करीब 1100 साल पुरानी है. यह प्रतिमा कुंडेश्वर महादेव मंदिर में विराजित है. मान्यता है कि यह प्रतिमा भगवान श्री कृष्ण को तब मिली थी जब वह बलराम और सुदामा शिक्षा ग्रहण करने संदीपनि आश्रम में रहते थे.
आकर्षक मूर्ति
मंदिर के पंडित माधव व्यास ने बताया कि शहर में कुबेर की आकर्षक प्रतिमा मंगलनाथ मार्ग स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम में है. यहां भगवान की प्रतिमा के एक हाथ में सोम पात्र है तो दूसरा हाथ वर मुद्रा में है. कंधे पर धन की पोटली रखी है. तीखी नाक, उभरा पेट, शरीर पर अलंकार आदि से कुबेर का स्वरूप आकर्षक है.
इत्र लगाने से धन-समृद्धि
मान्यता है कि यहां स्थापित भगवान कुबेर की प्रतिमा में नाभि में इत्र लगाने से धन और समृद्धि की प्राप्त होती है. धनतेरस के दिन हजारों की संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी महाकाल की नगरी में लोग धन कुबेर के दर्शन कर इत्र चढ़ाने के लिए आते हैं.
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मंदसौर में 1500 साल पुराना कुबेर मंदिर
उज्जैन की तरह ही MP के मंदसौर जिले में भी भगवान कुबेर का करीब 1500 साल पुराना मंदिर है. जानकार बताता हैं कि मंदसौर जिले के खिलचीपुर कस्बे में स्थित इस मंदिर की स्थापना 1500 साल पहले की गई थी. इस मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्ति अनोखी है. चतुर्भुज मूर्ति है जिनके एक हाथ में धन की पोटली, दूसरे हाथ में शस्त्र, तीसरे हाथ में प्याला और चौथे हाथ अभय मुद्रा में है.
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