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MP News: हर 200 किमी पर बनेगा एयरपोर्ट; रीजनल कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा, नई विमानन नीति में होगा प्रावधान

Under the new aviation policy of Madhya Pradesh, an airport will be built in every 200 km in the state

प्रतीकात्मक तस्वीर

MP News: मध्य प्रदेश में एयरपोर्ट सुविधा का विस्तार होने जा रहा है. हवाई यात्रियों को अब और अधिक सुविधाएं मिलने जा रही हैं. प्रदेश सरकार नई विमानन नीति बनाने जा रही है. इस नीति के तहत प्रदेश में बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे-छोटे शहरों में हवाई सुविधा का विस्तार करने जा रही है.

हर 200 किमी में होगा एक एयरपोर्ट

नई विमानन नीति के तहत प्रदेश में हर 200 किलोमीटर पर एक एयरपोर्ट बनाया जाएगा. विकासखंड स्तर पर एक हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा. जिला स्तर पर हवाई सेवा को विस्तार देने के लिए हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा. राज्य के 31 शहरों में हवाई पट्टी हैं. इनकी संख्या में इजाफा किया जाएगा. इसके साथ ही इनके रखरखाव को और अधिक मजबूत किया जाएगा.

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रीजनल कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा

रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एयरपोर्ट, हवाईपट्टी और हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है. इससे छोटे और बड़े शहरों के बीच यातायात के लिए सुगम साधन मिलेगा. इसके साथ कम समय में एक जगह से दूसरी जगह जाया जा सकेगा. प्रदेश में रीजनल कनेक्टिविटी योजना उड़ान के तहत कम दूरी की उड़ानें संचालित की जाएंगी. इस नीति के तहत छोटे शहरों से भी दो राज्यों के बीच उड़ान शुरू करने पर विचार किया जा रहा. इससे पड़ोसी राज्यों के साथ बेहतर हवाई कनेक्टिविटी होगी.

प्रदेश में अभी 6 एयरपोर्ट हैं

प्रदेश में 6 बड़े एयरपोर्ट हैं. इंदौर में देवी अहिल्याबाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, भोपाल में राजा भोज एयरपोर्ट, जबलपुर में डुमना एयरपोर्ट, ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट, खजुराहो एयरपोर्ट और रीवा एयरपोर्ट हैं. इंदौर एकमात्र एयरपोर्ट है जहां से इंटरनेशनल फ्लाइट की सुविधा अपलब्ध है. राज्य के बाकी एयरपोर्ट प्रदेश के शहरों के साथ-साथ देश के बड़े शहरों से जुड़े हुए हैं. रीवा एयरपोर्ट सबसे नया एयरपोर्ट है.  उड़ान योजना, पीएम श्री पर्यटन वायु  सेवा और पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा के माध्यम से राज्य के हवाई अड्डों को जोड़ा जा रहा है.

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