UPSC Qualified: सिविल सर्विसेस मुख्य परीक्षा 2023 का रिजल्ट जारी हो गया है. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 16 अप्रैल मंगलवार को सिविल सर्विसेस मुख्य परीक्षा 2023 का रिजल्ट घोषित कर दिया. इस बार 1016 अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ है. वहीं संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में मध्यप्रदेश के कई छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. भोपाल की छाया सिंह ने 65वां स्थान हासिल किया है. वह राजस्व मंडल ग्वालियर में अपर आयुक्त आईएएस अधिकारी छोटे सिंह की बिटिया हैं. जबकि भोपाल के सचिन गोयल को 209वीं और समीर गोयल को 222वीं रैंक मिली है. दोनों सगे भाई हैं. नर्मदापुरम की पलक गोयल ने 479वीं रैंक मिली है. सतना की काजल सिंह को 485 रैंक मिली है.
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दो सगे भाइयों गोयल बंधु का हुआ यूपीएससी में सिलेक्शन
राजधानी की शक्ति नगर इलाके में रहने वाले संजय गोयल के दोनों बेटे का सिलेक्शन यूपीएससी में हुआ है. सचिन गोयल ने यूपीएससी में 209 रैंक हासिल की है. वही उनके भाई समीर गोयल ने 222 रैंक हासिल की है, गोयल बंधुओं की मां चाइल्ड स्पेशलिस्ट है. विस्तार न्यूज ने सचिन गोयल और समीर गोयल के पिता संजय गोयल से बात की. सचिन के पिता संजय गोयल बताते हैं कि उनके कई दोस्त सिविल सर्विसेज में है. घर में दोस्तों का आना-जाना होता था और वह बेटों को सिविल सर्विस में आने के लिए प्रोत्साहित करते थे. सचिन गोयल भोपाल के एम्स अस्पताल में पढ़े हैं और डॉक्टर है. उनके भाई समीर गोयल दिल्ली में आरबीआई में काम करते थे लेकिन उन्हें यूपीएससी सर्विसेज के जरिए लोगों के लिए काम करना था. इसलिए दोनों भाइयों ने मेहनत कर यूपीएससी में सेलेक्ट हुए. सचिन का कहना है कि डॉक्टर रहते हुए भी लोगों की सेवा करते थे लेकिन सिविल सर्विसेज के जरिए लोगों की मदद करना लक्ष्य रखा. स्वास्थ्य क्षेत्र से इंप्रूवमेंट करने के लिए प्राथमिकता रही है इसके अलावा शिक्षा के लिए भी लोगों के लिए काम किया जाए.
समीर और सचिन की दादी का कहना है कि दोनों ही बेटे चैंपियन स्कूल से पढ़ाई की है उन्हें पूरा भरोसा था कि सिविल सर्विसेज में भर्ती होगी और भगवान से भी यही प्रार्थना की है. सचिन और समीर की मां का कहना है कि बच्चे खुद भी अपनी देखरेख करते थे. हॉस्पिटल में जाने के साथ-साथ घर का भी काम करना होता था. बच्चों की तरफ से काफी ज्यादा सपोर्ट था अपनी तरफ से काफी सिंसियर बच्चे हैं. समीर का कहना है कि कई बार उनसे यह सवाल पूछा जा चुका है कि आखिर उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला क्यों किया. समीर का कहना है कि उनके रोल मॉडल शक्ति कांत दास है. वह पहले से आईएएस अधिकारी रहे हैं. उसके बाद फाइनेंस कमिशन में रहे फाइनेंस सेक्रेटरी भी रहे और आरबीआई के गवर्नर भी रहे है. समीर से बताया कि उनके पिता इंटरव्यू से पहले और कैडर चॉइस फिलिंग के लिए मदद की थी.