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MP News: प्रदेश में बढ़ रहा VIP मूवमेंट, 1 साल के भीतर दोगुनी हुई Guest in MP की संख्या

Within a year, double the number of guests have come to Madhya Pradesh.

1 साल के भीतर दोगुनी संख्या में मध्य प्रदेश में गेस्ट आए हैं.

MP News: मध्य प्रदेश में वीवीआईपी मूवमेंट पिछले साल की तुलना में बढ़ा है. 1 साल के भीतर दोगुनी संख्या में मध्य प्रदेश में गेस्ट आए हैं. सरकार की तरफ से करीब 1800 लोगों का स्वागत किया गया है. उनके लिए वीवीआईपी प्रोटोकोल की सुविधा सरकार की तरफ से दी गई है.

दरअसल राज्य सरकार की ओर से राज्य अतिथि को वीवीआईपी प्रोटोकॉल दिया जाता है. जिसमें भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अन्य राज्यों के राज्यपाल, भूतपूर्व राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा के अध्यक्ष जैसे लोगों को राज्य सरकार वीवीआईपी ट्रीटमेंट राज्य में आने के लिए देती है. इस दौरान राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और पायलट वाहन सहित गार्ड गाड़ी भी उन्हें दी जाती है. यह प्रोटोकॉल सरकार की तरफ से उन्हें दिया जाता है. प्रदेश में साल 2022 में 952 राज्य अतिथियों और अन्य विशिष्ट लोगों को सुविधा दी गई है. जबकि साल 2023- 24 में 1818 राज्य अतिथियों और विशिष्ट महानुभावों को सुविधा राज्य सरकार की तरफ से दी गई है इसमें करीब 7.5 करोड रुपए का खर्च हुआ है.

इन सुविधाओं का मिलता है लाभ

भोपाल में आने वाले राज्य तिथियां के स्वागत के लिए प्रोटोकॉल अधिकारी पुलिस अधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारी के साथ कलेक्टर की जिम्मेदारी होती है. जिले में अगवानी के लिए और विदाई के लिए कलेक्टर की तरफ से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी या फिर डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाती है. दौरे के दौरान आवास के लिए सर्किट हाउस या वीआईपी गेस्ट हाउस के साथ-साथ होटल की व्यवस्था भी की जाती है. राज्य अतिथि के साथ-साथ एक अतिरिक्त रूम निजी स्टाफ और पीएसओ के लिए भी उपलब्ध कराया जाता है. अतिथि के लिए सरकार भोजन संबंधी भुगतान करती है, शराब का भुगतान स्वयं करना होता है.

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केंद्र के मुताबिक होती है पीएम राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की सुरक्षा

मध्य प्रदेश आने के दौरान केंद्र के मुताबिक प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की सुरक्षा तय की जाती है. राज्य सरकार को केंद्र के नियमों की मुताबिक की व्यवस्था की जाती है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था जरूरी होती है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा एसपीजी के हाथों में होती है.

आयोग के सदस्य और भारत सचिव को भी मिलती है सुविधाएं

प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति नहीं बल्कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, केंद्रीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत सरकार के सचिव, भारत रत्न पुरस्कार विजेता, भारत के सॉलिसिटर जनरल, कैबिनेट सचिव, भारत के अटॉर्नी जनरल, भारत का नियंत्रक महालेखाकार परीक्षक, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर, सेना के प्रमुख, फील्ड मार्शल, मुख्य सूचना आयुक्त अन्य राज्यों के लोकायुक्त को भी राज्य सरकार की तरफ से प्रोटोकॉल दिया जाता है.

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