MP News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग 10 जुलाई को होगी. अमरवाड़ा में सोमवार शाम 6 बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा. इसके बाद रोड शो, सभाओं समेत सार्वजनिक रूप से वोट मांगने पर प्रतिबंध लग जाएगा. प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ कमरा बंद बैठकें कर मतदान को लेकर रणनीति तैयार करेंगे.
अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं. एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा अपने विजय रथ को नहीं रुकने देना चाहती, वहीं कांग्रेस अमरवाड़ा सीट पर जीत दर्ज कर अपने लिए संजीवनी तलाशने और पूर्व सीएम कमलनाथ की प्रतिष्ठा को बचाने का भरसक प्रयास कर रही है.
यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. अमरवाड़ा सीट पर नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए निवर्तमान विधायक कमलेश शाह को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस के टिकट पर धीरेन शाह चुनाव मैदान में हैं. सीएम मोहन यादव सरकार के कार्यकाल का यह पहला उपचुनाव है. ऐसे में यह चुनाव भाजपा के लिए खास मायने रखता है. अमरवाड़ा सीट जीतकर भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि जनता प्रदेश सरकार के कामकाज से संतुष्ट है.
कमलनाथ के लिए चुनौती है उपचुनाव
सीएम डॉ. यादव समेत भाजपा के अन्य नेता अमरवाड़ा में जीत के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. वहीं, लोकसभा चुनाव के करीब महीने भर बाद हो रहा उपचुनाव पूर्व सीएम कमलनाथ लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. अमरवाड़ा सीट जीतकर कमलनाथ यह संदेश देना चाहेंगे की आज भी छिंदवाड़ा जिले की जनता उनके साथ है। छिंदवाड़ा सीट को कमलनाथ का गढ़ माना जाता है.
नाथ के करीबी लेकिन लोकसभा चुनाव के बीच दिया विधायकी से इस्तीफा
लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर नकुलनाथ की हार से कमलनाथ को बड़ा झटका लगा है. यही वजह है कि अमरवाड़ा में जीत के लिए कमलनाथ दिन-रात एक कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में करारी हार से कांग्रेस कार्यकर्ता हताश और निराश हैं. कांग्रेस अमरवाड़ा सीट पर जीत दर्ज कर कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करना चाहती है. गौरतलब है कि कमलनाथ के समर्थक व अमरवाड़ा से लगातार तीन बार के विधायक कमलेश शाह लोकसभा चुनाव के दौरान 29 मार्च को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. इसी दिन उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, इसलिए अमरवाड़ा में उपचुनाव हो रहे हैं.
14 चुनाव में से दस जीती कांग्रेस
अमरवाड़ा सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है. इस सीट के इतिहास की बात करें तो 1952 से लेकर अब तक भाजपा यहां सिर्फ दो बार- 1990 और 2008 में चुनाव जीती है. 1967 में भारतीय जनसंघ के एसजे ठाकुर ने चुनाव जीता था. 2003 में यहां से गोंगपा के मनमोहन शाह बट्टी चुनाव जीते थे. 1952 से 2023 तक यहां 14 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें 10 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. इस लिहाज से कांग्रेस यहां मजबूत है, लेकिन लोकसभा चुनाव- 2024 के बीच बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी को यहां बड़ा झटका लगा है. ऐसे में इस बार का चुनाव कांग्रेस के लिए आसान नहीं है.