अनिल सिंह-
MP News: मध्य प्रदेश में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. प्रदेश में रही कांग्रेस की सरकार ने एक डैम से वाटर डिस्ट्रीब्यूशन चैनल बनाने के लिए कंपनियों को 243.95 करोड़ रुपये का एडवांस भुगतान कर दिया. हैरानी की बात यह है कि इस चैनल का निर्माण आज तक हुआ ही नहीं. कांग्रेस की कमलनाथ के बाद प्रदेश में आई BJP की शिवराज सिंह सरकार ने भी एडवांस राशि को अनदेखा कर दिया.
यह है पूरा मामला
प्रदेश के सिंगरौली जिले का यह मामला है हैदराबाद की एक कंपनी और मेसर्स पटेल इंजीनियरिंग के जॉइंट वेंचर को साल 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ठेका दिया था. उसी साल जल वितरण चैनल के निर्माण के लिए 243.95 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी की गई. इस परियोजना को गोंड वृहद सिंचाई परियोजना कहा जाता है और इसे 28 मार्च 2024 तक पूरा किया जाना था. लेकिन साल 2019 से आज तक जमीन पर एक भी पाइप नहीं बिछाया गया और बांध का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है.
विधानसभा में प्रश्न पूछने पर भी नहीं मिला जवाब
सिंगरौली जिले के देवसर से मौजूदा BJP विधायक राजेंद्र मेश्राम ने परियोजना की प्रगति के संबंध में विधानसभा में एक लिखित प्रश्न पूछा, लेकिन उन्हें भी कोई जवाब नहीं दिया गया. MLA मेश्राम ने विधानसभा में जल संसाधन मंत्री से पूछा क्या गोंड वृहद सिंचाई परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है?क्या यह सच है कि 2019 में मंजूरी मिलने के बावजूद जमीन पर कुछ नहीं हुआ?क्या यह ठीक है कि मंजूरी के पांच साल बाद भी कुछ नहीं हुआ?क्या दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाएगा और क्या परियोजना को पूरा करने के लिए कोई समय सीमा तय की जाएगी.
244 करोड़ रुपए एडवांस के बाद भी नहीं शुरु हुआ काम
विधानसभा में मेश्राम के सवालों का जवाब नहीं मिला, लेकिन अब उनका दावा है कि नई सरकार ने जरूरी मंजूरी दे दी है. और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी मांगी जा रही है. विधायक मेश्राम ने कहा, यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट था और 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी को 243 करोड़ से ज्यादा एडवांस दिए. कंपनी ने कुछ नहीं किया और सरकार गिरने के बाद काम शुरू नहीं हो सका. अब नई सरकार ने मंजूरी दे दी. और एनओसी ली जा रही है. वहीं इस पूरे मामले में जानकारी के मुताबिक रीवा ईओडब्ल्यू में अधिकारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज है और इस पूरी घटनाक्रम की ईओडब्ल्यू जांच भी कर रही है.