MP News: एमपी अजब है यूं ही नहीं कहा जाता, छतरपुर जिले में एक शख्स के जीते जी उसकी महिला को कागजों में विधवा बना दिया गया. इतना ही नहीं विधिवत एक साल से जिंदा इंसान की कागजों में विधवा महिला को विधवा पेंशन भी दी जा रही है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, छतरपुर कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में अपनी पीड़ा लेकर आए बड़ा मलहरा के बृजेश विश्वकर्मा ने अपनी आपबीती बताई. जिसे सुनकर सिस्टम पर कई सवालिया निशान उठ खड़े होते हैं. बृजेश विश्वकर्मा की माने तो उनकी पत्नी ने पिछले साल लाडली बहना योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन भरा था, जिसमें समग्र आईडी भी लगाई गई थी. लेकिन नगर परिषद के लापरवाह कर्मचारियों की वजह से उनकी पत्नी को लाडली बहना योजना का लाभ न मिलकर विधवा पेंशन के 600 रुपये हर महीने मिल रहे हैं.
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जनसुनवाई में बताई समस्या
बृजेश का कहना हैं कि, वह पिछले 1 साल से स्थानीय प्रशासन से लेकर छतरपुर कलेक्ट्रेट और यहां से लेकर भोपाल तक अपने जिंदा होने का सबूत देते फिर रहे हैं, लेकिन आज तक प्रशासनिक लचर व्यवस्था के चलते एक जिंदा इंसान को कागजों में जिंदा नहीं किया जा सका,और उनकी पत्नी कागजों में विधवा है. आज एक बार फिर जनसुनवाई में ब्रजेश छतरपुर कलेक्टर के पास पहुंचा और खुद के जिंदा होने का सबूत देते हुए दस्तावेजों में सुधार कराए जाने की गुहार लगाई है, उनके अनुसार कलेक्टर छतरपुर ने आवेदन लेकर जांच की बात कही है.