MP News: बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गई हैं. अस्पताल में प्रतिदिन सर्पदंश के शिकार तीन से चार लोग पहुंच रहे हैं. अब तक रीवा में आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. चिकित्सकों का कहना है कि यह सिलसिला 15 सितंबर के बाद तक चलेगा. इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत हैं. उनके बिल में पानी भर जाता है और वे सूखी जमीन की तलाश में बाहर निकलते हैं. कई बार घरों में सामानों के नीचे छिपकर आराम करते हैं. ज्यादातर घर में काम करते समय या खेत में घांस जरूरत है. आमतौर पर अपने बिलों में रहने वाले जहरीले सांप बारिश में बेघर हो काटते समय लोग सांप के हमलों का शिकार होते हैं. अनजाने में लोग जैसे ही घर में सामान उठाते हैं तो नीचे बैठा सांप उनको अपना शिकार बना लेता है. रात में बिस्तर पर सोते समय भी सांप हमला करते हैं.
जहर से नहीं घबराहट से होती है मौत
जिले में दो प्रकार के सांप जहरीले हैं जिनमें कोबरा और करैत हैं. चिकित्सकों ने बताया कि सर्पदंश के बाद जहर से कम, डर और घबराहट से ज्यादातर लोगों की मौत होती है. ज्यादातर मौत हार्ट अटैक के कारण होती है. ऐसे में जिस व्यक्ति को सांप काटे उसकी हिम्मत बनाए रखें ताकि वह डरे नहीं. मकानों के खपरैल में सांप घुस जाते है और रात में सोते समय लोगों को हमले का शिकार बना लेते हैं.
24 घंटे में दो की मौत
गढ़ निवासी अनीता शुक्ला पति सुनील (35) को घर में काम करते समय सांप ने डंस लिया था. परिजन एसजीएमएच लेकर आए जहां महिला की मौत हो गई. वहीं रामपुर बघेलान के अहिरगांव निवासी राजेन्द्र आदिवासी पिता रामसखा (35) को घर के समीप ही सांप ने काट लिया था.
सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल लाने में बिल्कुल देरी न करें. मरीज को अस्पताल लाते समय उसको हिम्मत बनाए रखें ताकि वह डरे नहीं. उसको बताएं कि ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते हैं. अंग से अंगूठी, घड़ी पायल, गहने व कपड़े हटा दें. दंश वाले भाग में रस्सी न बांधे और न ही उसके साथ कोई छेड़छाड़ करें. न तो उस स्थान को काटे और न ही मुंह से चूसने का प्रयास करें. तत्काल मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचें. जितनी जल्दी उसको एंटी स्नेक विनम इंजेक्शन लगेगा उतनी जल्दी वह ठीक हो जाएगा. कई बार लोग झाडफूंक के चक्कर में पडकर मरीज को अस्पताल लाने में देरी कर देते हैं जिससे उसकी जान खतरे में पड़ जाती है.