MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में महिला मैकेनिक पूरा गैरेज चला रही है. इस सेवा के तहत टू व्हीलर की सर्विसिंग कराने या खराब हो जाने पर महिला मैकेनिक गाड़ी सुधारती हैं. पुरुषों की तरह ही महिलाएं भी मैकेनिक का काम कर रही हैं. महिला गैरेज यांत्रिका ने यह पहल करते हुए 100 महिला मैकेनिकों को तैयार किया है. इस सेवा को देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में महिला सशक्तिकरण की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है.
केस 1 : पापा ने कहा मेहँदी लगाना सिख लो
पापा से पूछने पर उन्होंने मना कर दिया काम के लिए कि ये काम नहीं करना. हाथ काले हो जाएँगे, सड़क पर बैठकर गैराज का काम नहीं करना. पापा ने कहा दूसरा काम सीख ले- मेहँदी लगाना सिख ले. मैंने अपने भाई की गाड़ी ठीक की, जब पहले उसने बाहर पूछा तो 10000 रुपए ख़र्चा बताया लेकिन मैंने घर में ही उसकी गाड़ी ठीक कर दी अब मेरे परिवार को मुख पर गर्व होता है.
केस 2 : पापा को भरोसा नहीं था
मेरी माँ को लगा मैं ये काम नहीं कर सकती क्यूकी ये पुरुषों के काम है. ये काम बहुत भारी होता है गाड़ी को इधर उधर करना. माँ को लगता था ये काम लड़कियों के नहीं है. मेरे पापा को मेरे ऊपर पूरा भरोसा था फिर मैंने यहाँ काम करना शुरू किया. शुरुआती दिनों में मुझे गाड़ी सीखने से लेकर उसे स्टैंड पर लगाने में बहुत दिक़्क़त आयी थी .
केस 3 : समाज में लोगो ने बहुत सवाल किए
मुझे यहाँ 5 साल हो गये काम करते हुए. समाज में लोगो ने बहुत सवाल किए कि ये कैसा काम है ये तुम कैसे करोगी ? मेरे पति ने मुझे बहुत सपोर्ट किया. रिश्तेदारों ने कहा पार्लर सिख लो लेकिन मुझे यही काम करना था.
राजेंद्र बंधु, महिला गैराज के डायरेक्टर
समाज की आर्थिक रूप से जो कमज़ोर महिलायें है वो यहाँ काम करती है. हमारे साथ लगभग 100 महिलायें है जिन्हें हमने ट्रेनिंग दी है. हमने आगे के लिए सोचा है कि महिलायें ख़ुद अपनी कंपनी चलाये जहाँ पुरुष की ज़रूरत ही ना हो. महिला कुछ भी कर सकती है यही हमारा संदेश है देश के लिए.
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