MP News: मध्य प्रदेश में पिछले महीने आयोजित माइनिंग कान्क्लेव में निवेश करने वाले अधिकांश उद्योगों के आवेदन और दस्तावेज खनिज विभाग में पहुंचने लगे हैं. इन दस्तावेजों के संबंध में विभागों ने जिला स्तर पर वैधानिक अनुमतियों के लिए काम शुरू कर दिए हैं. क्षेत्रीय स्तर पर काम होने के बाद वन पर्यावरण की अनुमतियों के संबंध में प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे.
19 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव मिले
वहीं खनिज के साथ-साथ उनके प्रोसेसिंग प्लांट लगाने जैसे अन्य प्रावधानों पर भी सरकार विचार कर रही है. इसके लिए नियम और व्यवस्थाओं में भी संशोधन करेंगी. जिससे प्रोसेसिंग के नए-नए उद्योग यहां स्थापित हो सकेंगे. 17 अक्टूबर से कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित हुए दो दिवसीय माइनिंग कान्क्लेव में विभिन्न 11 औद्योगिक संस्थानों की ओर से 19 हजार 650 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए.
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MOIL (भारत सरकार का उपक्रम) और राज्य खनिज निगम लिमिटेड के बीच खनिज ब्लॉक से संबंधित संयुक्त उद्यम समझौता हस्ताक्षरित भी हुआ था. इसमें सबसे बड़ा (5 हजार करोड़ रुपए) निवेश इन्विनयर पेट्रोडाइन लिमिटेड ने किया था. इसके संयंत्र बैतूल में स्थापित करने के लिए तमाम औपचारिकताएं खनिज विभाग में पहले से चल रही थी. द कमोडिटी हब, गुरुग्राम हरियाणा द्वारा कॉपर रॉक फास्फेट तथा सिलीकॉन बेनीफिकेशन प्लांट लगाने के लिए भी बालाघाट सहित अन्य क्षेत्रों में लगाने के लिए कंपनी के अधिकारी काम करने लगे हैं. इस संबंध में विभाग से अनुमति के लिए दस्तावेज भी लगा दिए हैं. प्लांट लगाने में कंपनी दो हजार करोड़ रुपए कंपनी निवेश करेगी.
इंटर स्टेट टैक्स दे रहे फिर भी कारोबारी परेशान
उत्तर प्रदेश की सरकार से इधर मध्य प्रदेश के कारोबारी काफी ज्यादा परेशान है. वजह है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों के कलेक्टरों ने मध्य प्रदेश से आने वाले वाहनों को दाखिल न होने की हिदायत दी है. उसके पीछे की वजह है कि मध्य प्रदेश से आने वाले खनिज को यूपी में ना बेचा जाए. उत्तर प्रदेश का रिवेन्यू लॉस हो रहा है. हालांकि मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश जाने के लिए इंटर स्टेट टैक्स भी मध्य प्रदेश के कारोबारी दे रहे हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें रोका जा रहा है. इसकी शिकायत भी प्रमुख सचिव से पिछले दिनों कारोबारी ने की थी.