Raksha Bandhan: इंदौर के खजराना में इस बार भगवान गणपति की राखी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इस मंदिर में पिछले 22 वर्षों से हर वर्ष भगवान गणेशजी को राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है, लेकिन इस बार यह राखी अपने अद्वितीय आकार और विशेषता के कारण खास बन गई है. विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेशजी को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर अर्पित करने के लिए पालरेचा परिवार ने विशेष रूप से दुनिया की सबसे बड़ी राखी का निर्माण किया है.
परिवार के 20 लोगों ने तैयार की राखी
इस विशाल राखी को तैयार करने की प्रक्रिया लगभग दो महीने पहले शुरू हुई थी. राखी के निर्माण में गत्ता, फ़ॉम, सलमा, सितारा, जरदोज़ी, नग-नगीना, और हैदराबादी मोती जैसी समृद्ध सामग्री का उपयोग किया गया है. परिवार के 20 लोगों ने मिलकर इस राखी को तैयार किया है, और 40 इंच बाय 80 इंच की इस राखी का निर्माण किया गया. इस राखी को बनाने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात की सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया है, जो इसे और भी विशिष्ट बनाता है.
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यह विशेष राखी 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन सुबह की आरती के समय भगवान खजराना गणेश को अर्पित की जाएगी. इस राखी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है, जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है.
खजराना गणेश मंदिर की इस विशाल राखी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है. इस राखी में स्वर्ण से आभूषित कल्पवृक्ष का चित्रण किया गया है, जो सभी भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने और उन्हें वैभव प्रदान करने का प्रतीक है. इसके चारों ओर पारिजात, अशोक, नारियल, और खजूर के वृक्ष बनाए गए हैं, जो पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक सौंदर्य के महत्व को दर्शाते हैं.
इस प्रकार, इस राखी ने खजराना गणेश मंदिर में रक्षाबंधन के इस पर्व को और भी विशेष और यादगार बना दिया है.